Netagiri.in–छत्तीसगढ़ प्रदेश का शांत जिला बलौदाबाजार, कवर्धा के बाद सूरजपुर जिला जल रहा है और प्रदेश के फेलवर गृहमंत्री विजय शर्मा कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के बजाय उलजुलूल बयानबाजी कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या के मामले में तल्ख शब्दों में बयान जारी करते हुए कहा कि आरोपी कोई भी हो और किसी से भी वास्ता रखता हो उस पर कठोर कार्यवाही करने से गृहमंत्री को किसने रोका है। हद तो तब हो गई जब इसी हत्यारे ने एक दिन पहले आरक्षक पर गर्म तेल उडेला था, उसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने सतर्कता क्यों नहीं बरती। इससे पहले भी बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट को आगजनी के हवाले किया गया और कवर्धा के लोहारीडीह में भी इसी तरह की घटना घटित हुई। पूरे मामले में कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के बजाय प्रदेश के फेलवर गृहमंत्री केवल बयानबाजी करते रहे और अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया गया जबकि इसकी पूरी जिम्मेदारी सबसे पहले गृहमंत्री पर बनती है जिन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आखिर इतनी खुली छूट क्यों दे रखी है, चिंता का विषय है। नेता प्रतिपक्ष ने सूरजपुर में दोहरे हत्याकांड के बाद दशहरा देखने पहुंची एक 12वीं की छात्रा के साथ एक बेहद ही शर्मनाक गैंगरेप की घटना ने मन को उद्वेलित कर दिया है। डॉ. महंत ने कहा कि शांति का यह प्रदेश में घट रही घटनाओं को भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और उनके गृहमंत्री को कड़ी कार्यवाही करना चाहिए जबकि ये नेता केवल उलजुलूल बयानबाजी कर घटना पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. महंत ने साफ तौर पर कहा है कि अपराध और अपराधी किसी के नहीं होते उन पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की सभी राजनैतिक दल और जनप्रतिनिधि खुली वकालत करते है। इसमें कोई किंतु-परंतु जैसा विषय ही नहीं है।