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कोरबा

दीपका में ओवरब्रिज निर्माण को लेकर बढ़ा विवाद: विरोध के पीछे की सच्चाई पर उठे सवाल

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कोरबा-दीपका। नगर पालिका परिषद दीपका के अंतर्गत निर्माणाधीन ओवरब्रिज को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जहां एक ओर ओवरब्रिज निर्माण को लेकर सकारात्मक पहलुओं पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका विरोध भी जोर पकड़ रहा है। स्थानीय जनता और विभिन्न संगठनों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि आखिर इस विरोध के पीछे की असली वजह क्या है?

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गौरव पथ: जनता की सुरक्षा का सपना टूटा

दीपका क्षेत्र में आम जनता की सुरक्षा और राहत के लिए करोड़ों की लागत से गौरव पथ का निर्माण किया गया था। इस सड़क का उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित और बेहतर आवागमन की सुविधा प्रदान करना था। लेकिन निर्माण के कुछ ही समय बाद कोयला खदानों से भारी वाहनों, ट्रक और ट्रेलरों को इस मार्ग पर चलने की अनुमति दे दी गई।

इससे न केवल सड़क की हालत खराब हुई, बल्कि लगातार हादसे भी होने लगे। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि गौरव पथ अब आम जनता के लिए खतरा बन चुका है।

ओवरब्रिज निर्माण पर विवाद

गौरव पथ पर एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) द्वारा एक निजी कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। एसईसीएल का दावा है कि इस ओवरब्रिज से नागरिकों को राहत मिलेगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

हालांकि, इस निर्माण कार्य का क्षेत्रीय यूनियनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इस विरोध के पीछे राजनीतिक और निजी स्वार्थ जुड़ा हो सकता है। अब जनता के बीच यह चर्चा हो रही है कि विरोध करने वाले संगठन किनके इशारों पर काम कर रहे हैं।

लंबे समय से भारी वाहनों के संचालन पर विवाद

दीपका क्षेत्र में कोयला खदानों से भारी वाहनों के संचालन को लेकर स्थानीय जनता और सामाजिक संगठनों ने लंबे समय से आवाज उठाई है। गौरव पथ पर भारी वाहनों के चलने से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

13 अगस्त 2023 को विधानसभा चुनाव से पहले गौरव पथ संघर्ष समिति के बैनर तले एक लंबा आंदोलन चलाया गया। इस आंदोलन में समाजसेवकों और विभिन्न संगठनों ने प्रशासन से भारी वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की मांग की थी। बावजूद इसके, प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

जनता की नाराजगी बढ़ी

अब जब ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तो जनता में यह सवाल उठ रहा है कि यह निर्माण किसके हित में हो रहा है। क्या यह आम जनता की सुरक्षा के लिए है, या फिर इसका लाभ केवल कोयला कंपनियों और भारी वाहनों के परिचालन को मिलेगा?

प्रशासन से जवाब की मांग

क्षेत्रीय संगठनों और नागरिकों ने प्रशासन से यह मांग की है कि ओवरब्रिज निर्माण को लेकर सभी पहलुओं पर खुलासा किया जाए। जनता यह जानना चाहती है कि इस निर्माण कार्य का वास्तविक उद्देश्य क्या है और विरोध करने वाले संगठन किन स्वार्थों से प्रेरित हैं।

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