WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
Shichhaदेश

शिक्षा की ऐसी व्यवस्था सरकारी स्कूल होते हुए भी एडमिशन के लिए करना पड़ता है लंबी पारी का इंतजार ,पहाड़ी इलाके के इस स्कूल की हो रही चारों और तारीफ

positive news एक तरफ उत्तराखण्ड में छात्र संख्या घटने के कारण कई स्कूलों को बंद किया जा रहा है, वहीं पहाड़ का एक ऐसा प्राइमरी स्कूल भी है, जो गुणवत्तापूर्ण (Govt model primary school Kapkot sets high standards) शिक्षा से बदहाल व्यवस्था को नई उम्मीद दे रहा है। क्वालिटी एजुकेशन और शानदार व्यवस्था के चलते बागेश्वर का राजकीय प्राथमिक विद्यालय केवल प्रदेश के ही नहीं बल्कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल को भी चुनौती दे रहा है। आज जहां प्राइवेट स्कूलों की बाढ़ से लोग सरकारी स्कूलों से मुहं मोड़ रहे हैं, वहीं इस स्कूल में प्रवेश के लिए लंबी वेटिंग लाइन लगानी पड़ रही है। सोशल मीडिया पर आजकल यह स्कूल खूब वायरल हो रहा है। लोग स्कूल के प्रधानाचार्य और टीचर्स की तारीफ कर रहे हैं।

बागेश्वर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में प्रवेश के लिए बच्चों को टेस्ट क्वालीफाई करना होता है। इसके बावजूद अभिभावक सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक लाइन लगाकर खड़े रहने को तैयार हैं। ताकि उनके बच्चे को इस स्कूल में एडमिशन मिल सके। यह स्कूल में पढ़ाई की इतनी बेहतरीन व्यवस्था और गुरुओं का छात्रों के प्रति समर्पण ही है कि हर साल यहां के बच्चों का नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के लिए चयन होता है। यही वजह है कि स्कूल में तैनात शिक्षकों के अतिरिक्त कई सरकारी अधिकारियों के बच्चे भी यहां शिक्षा ग्रहण करते हैं।

2016 तक इस विद्यालय में केवल 30 बच्चे थे। लेकिन 2016 में यह आदर्श विद्यालय बना और ख्याली दत्त शर्मा ने प्रधानाध्यापक का पदभार संभाला। उन्होंने न सिर्फ स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर और वातावरण सुधार, बल्कि बच्चों को बारीकी से पढ़ाई पर फोकस किया। हर कॉन्सेप्ट को क्लियर करने लगे। प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा और उनकी टीम स्कूल अवधि के अलावा भी बच्चों की शैक्षिक योग्यता निखारने व समस्या निस्तारण को हमेशा उपलब्ध रहते हैं। टीचर भी यहां भरपूर मेहनत करते हैं। इस स्कूल के प्रति कितना क्रेज है कि वर्तमान में विद्यालय में छात्रो की संख्या 284 के पार पहुंच गई है और तीन सेक्शन में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इतना ही नहीं स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बच्चे भी यही पढ़ते हैं। शिक्षकों की मेहनत से कपकोट आदर्श प्राथमिक विद्यालय से प्रतिवर्ष तीन बच्चों का सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में और नवोदय विद्यालय में 8 से दस बच्चे भी चयनित होते हैं।

सबसे बड़ी बात यहां बच्चों के एडमिशन के लिए पैरेंट्स को लंबा इंतजार करना होता है। विद्यालय में 50 बच्चों के प्रवेश के लिए अभी तक 300 से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। लेकिन प्रवेश सीमित यानि 50 बच्चों को ही मिलेगा। फॉर्म लेने और बच्चो को एडमिशन दिलाने के लिए स्कूल में पैरेंट्स की लंबी कतार लगी रहती है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!