Netagiri.in—कोरबा जनपद में विवादों के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं जहां एक ओर रजगामार पंचायत में करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उच्च अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है और गांव के सरपंच उप सरपंच सहित पंच दो गुट हो गए हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है तो वही जनपद सीईओ और जिला सीओ भी आरोपों से नहीं बचे हैं जांच के दौरान40 वेंडरों द्वारा लगाए गए बिल पर जब वेंडरों को तलब किया गया तो वेंडरों ने भी चेंबर ऑफ कॉमर्स का सहारा लेते हुए जिला पंचायत सीईओ का विरोध किया है सूत्र बताते हैं कि अधिकांश वेंडरों द्वारा सामानों की सप्लाई ना कर फर्जी बिल लगाए गए हैं और उसी जांच से बचने के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स का सहारा लेते हुए वेंडरों द्वारा जिला पंचायत सीईओ का विरोध किया गया है फिलहाल मामले में जिला कलेक्टर के आदेश पर गठित टीम द्वारा बारीकी से राजगामार पंचायत के भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की जांच को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें अगर वर्तमान सरपंच द्वारा पूर्व सरपंच और उपसरपंच के ऊपर लगाए गए आरोप एवं कार्यकाल की जांच की जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर होकर सामने आएगा जिससे पूर्व में पदस्थ पंचायत सचिव नीतू गुप्ता कौशल सोनवानी अन्य पदस्थ रहे सचिव की नौकरी खतरे में पड़ सकती है वर्तमान सरपंच सहित अन्य पर 25 लाख रुपए एकमुश्त निकाले जाने की शिकायत पर भी जांच टीम द्वारा लगभग कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी गई है
इधर जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष श्रीमती कौशल्या देवी वैष्णव के ऊपर 23 जनपद अध्यक्ष सहित अध्यक्ष ने
अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है जिसे संज्ञान में लेते हुए 9 फरवरी को कलेक्टर के आदेश पर जनपद सदस्यों का हस्ताक्षर समि्मलन होना है और अविश्वास प्रतिवेदन पर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की गई है लेकिन उससे पहले ही जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 20 की सदस्य मोनिका अरविंद भगत ने सिविल लाइन रामपुर में चौंकाने वाली शिकायत की है शिकायत में बताया गया है कि अविश्वास प्रस्ताव में किया गया हस्ताक्षर की जानकारी उसको नहीं है पूर्व में जनपद अध्यक्ष हरेश कवंर को हटाने अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिसमें जनपद सदस्य मोनिका अरविंद भगत ने साइन किए थे आरोप है कि उस दरमियान किए साइन की प्रति को कूट रचित ढंग से जोड़ते हुए श्रीमती कौशल्या देवी के अविश्वास प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है इस बात की जानकारी मोनिका अरविंद भगत को नहीं थी कि कौशल्या देवी के अविश्वास प्रस्ताव में उसके साइन को शामिल किया जा रहा है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के 1 सप्ताह बाद मोनिका भगत द्वारा की जा रही शिकायत भी संदेह का विषय है क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव की खबरें मीडिया पर दूसरे दिन ही प्रसारित हो गई थी इस मामले पर जब मोनिका भगत के पति से अरविंद भगत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कलेक्टर कार्यालय द्वारा दी गई आधिकारिक सूचना के बाद उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है इतना ही नहीं जनपद सदस्य मोनिका भगत ने जनपद की अध्यक्ष हरेश कंवर, जनपद सदस्य नंदकुमार कंवर, सदस्य संतोष लकड़ा, नरेंद्र पटेल, जनपद सदस्य सावित्री गांगुली के पुत्र आशीष गांगुली, रवि शंकर राठिया एवं किशन कोसले के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि झूठी कूट रचित ढंग से लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में उसके हस्ताक्षर को शामिल करने में इन सभी की संलिप्तता है एवं इनके द्वारा मोनिका भगत एवं उसके पति एवं परिवार वालों को जान से मारने एवं गाली-गलौच व झूठे मामले में फंसाने जैसे अन्य गंभीर आरोप जनपद सदस्य मोनिका भगत ने लगाये है और इसकी लिखित शिकायत सिविल लाइन रामपुर थाना पुलिस को सौंपी है और कार्यवाही की मांग करते हुए अपने परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग पुलिस से की है