हर वर्ष क्रिस्चन समाज द्वारा क्रिसमस पर्व पर स्कूल प्रबंधन द्वारा सभी धर्म के बच्चों को जबरन सांता बनाना पूर्णतः बंद होना चाहिए।
छात्र नेता मोंटी पटेल का कहना है की कोरबा ज़िले में बहुत से विधार्थी एवं परिजनों से जानकारी मिल रही कि निजी स्कूल प्रशासन द्वारा जबरन स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर व उनके माता पिता के ऊपर दबाव बनाया जाता है कि उनके बच्चे चाहे वो किसी भी धर्म से हो उन्हें सांता बनने के लिए मजबूर किया जाता है और सांता ग्लोच ड्रेस पहनने को भी मजबूर कर स्कूल बुलाया जा रहा है।
स्कूल के दबाव के कारण अभिभावक न चाहते हुए भी अपने बच्चे को सांता बनाने को मजबूर हो रहे है जो कि पूर्णतः गलत है
मोंटी पटेल का साफ़ शब्दों में कहा है की क्रिस्चन स्कूल व क्रिस्चन छात्र क्रिसमस मनाए उसमे हमे कोई आपत्ति नहीं है पर हुन्दू छात्रों को जबरन सांता बना कर हिन्दुधर्म के बच्चों को मानसिक रूप से जो मतांतरित करने का कार्य जो किया जा रहा वो पूर्णतः गलत है, वही ये देखा जाए की स्कूल भारतीय पर्व के नाम पर नवरात्र में कन्या पूजन क्यो नहीं करती, राम नवमी में बच्चों को राम चरित मानस क्यो नही पढ़ाया जाता? ऐसे पर्व अगर विद्यालय में मनाए जाए तो इससे बच्चों मानसिक विकास व समाज के प्रति जागरूक भी होंगे।
पटेल में कहा ये किसी षड्यंत्र का हिस्सा है और हिन्दू बच्चों को मानसिक रूप से मतांतरण किया जा रहा।
वही ये देख जाए तो बहुत सारे मिशनरी स्कूल है जहाँ तिलक लगाना कलावा पहनना तक मना करते है।
छात्र नेता मोंटी पटेल ने सभी अभिभावकों से अग्रह किया है कि अपने बच्चों को जबरन सांता न बनने दे और यदि स्कूल द्वारा दबाव बनाया जाता है तो उसकी जानकारी हमे दे।
भारतीय संस्कृति का अपमान बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
यदि स्कूल प्रशासन जबरन किसी भी हिन्दू भाई बहनों को मानसिक रूप से क्रिस्चन बनाता है तो उस स्कूल का पूरा कोरबा छात्र प्रतिनिधि एवं हिन्दू समाज विरोध करेगा