चिंतामणि महाराज की कांग्रेस से टिकेट काटने के बाद उन्होंने भाजपा के पीला में गेंद फेकी है बोले -लडूंगा लोकसभा का चुनाव
छत्तीसगढ़ के उत्तर छत्तीसगढ़ के संत गहिरा गुरु के सुपुत्र व सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने भाजपा के पाले में गेंद डाली थी, किंतु अंबिकापुर विधानसभा सीट से राजेश अग्रवाल को टिकट मिल जाने के बाद चिंतामणि महाराज की उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मेरा टिकट काट दिया, ऐसे में कांग्रेस में बने रहना कहां तक उचित है। भाजपा से मेरी बात हुई है। यदि मुझे लोकसभा चुनाव में टिकट देंगे तो मैं कोई निर्णय ले सकता हूं। फिलहाल तो मेरे समर्थक और कार्यकर्ता भी चाह रहे हैं कि मैं अंबिकापुर से चुनाव लड़ूं। मैं अब लोकसभा के लिए तैयारी कर रहा हूं। मुझे अंदेशा भी नहीं था कि मेरा टिकट कट जाएगा। मेरे समर्थक-कार्यकर्ता भी हताश हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सर्वे को आधार मानकर मेरा टिकट काटा गया है तो यह आश्चर्यजनक बात है चिंतामणि महाराज का टिकट कटने के बाद तीन दिनों पूर्व भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल व सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव सीधे चिंतामणि के श्रीकोट आश्रम पहुंच गए, जहां उन्होंने चिंतामणि महाराज को भाजपा में आने का न्योता दिया है किंतु चिंतामणि महाराज ने यह शर्त रख दी थी कि उन्हें अंबिकापुर से टिकट दिया जाए।
भाजपा नेताओं ने कहा था जो दावेदार हैं, वह नाराज हो जाएंगे। महाराज ने इस पर यह भी कहा कि जब वह अंबिकापुर से विधायक बन जाएंगे तो त्यागपत्र दे देंगे और लोकसभा का चुनाव भाजपा से लड़ेंगे। इसके बाद जो भी दावेदार हैं, उन्हें अंबिकापुर से चुनाव लड़ा लिया जाए। चिंतामणि की यह शर्त भाजपा ने नहीं मानी। बुधवार को भाजपा ने अंबिकापुर सीट के लिए लखनपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष, भाजपा कार्यसमिति के सदस्य राजेश अग्रवाल को टिकट दे दिया।
बीमार पड़े चिंतामणि महाराज
सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज बीमार चल रहे हैं। वह श्रीकोट आश्रम से अंबिकापुर अपने निवास में आराम कर रहे हैं। किसी कार्यकर्ता और पदाधिकारी से उनका कोई संपर्क भी नहीं हुआ। उन्होंने नईदुनिया से चर्चा करते हुए कहा कि मुझे तकलीफ यह है कि कांग्रेस संगठन का कोई बड़ा पदाधिकारी भी मुझसे कोई चर्चा अभी तक नहीं किया है। मैं जल्द ही कोई बड़ा निर्णय लूंगा।