भूपेश बघेल पर भड़के अमित शाह ‘कांग्रेस दोबारा सत्ता तो तुष्टिकरण की राजनीति जारी रहेगी’
राजनांदगांव में अमित शाह ने कांग्रेस और भूपेश बघेल पर जमकर हमला किया है। उन्होंने भुनेश्वर साहू की हत्या को लेकर कांग्रेस को घेरा है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आएगी तो फिर से तुष्टिकरण की राजनीति करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि यदि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में दोबारा सत्ता में आती है, तो राज्य में तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति जारी रखेगी। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और जिले के अन्य बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने से पहले, शाह ने एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने मंच पर मौजूद साजा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी ईश्वर साहू की ओर इशारा करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई।
ईश्वर साहू के बेटे भुनेश्वर की इस साल अप्रैल में बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में सांप्रदायिक हिंसा में मौत हो गई थी। भाजपा ने ईश्वर साहू को साजा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। साहू राज्य के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। शाह ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ एक बार फिर से कौमी दंगों का केंद्र बने? भुनेश्वर साहू को न्याय मिलना चाहिए कि नहीं?
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस फिर से सत्ता में आती है, तो वे तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने रैली में राज्य सरकार के कथित घोटालों का जिक्र किया और कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को ‘दिल्ली दरबार का एटीएम’ बना दिया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है, तो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शाह ने चुनावी रैली में भीड़ को देखकर कहा कि आपके उत्साह को देखकर लग रहा है कि तीन दिसंबर को कमल खिलेगा। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव किसी सरकार या विधायक को चुनने के लिए नहीं है, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुनहरा भविष्य बनाने के लिए है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान अविभाजित मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य बना रहा, लेकिन रमन सिंह के (2003 में) सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ 15 वर्ष में विकसित राज्य बन गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हिसाब देना चाहिए कि उन्होंने पिछले पांच वर्ष में क्या किया। रैली के बाद शाह, सिंह और अन्य बीजेपी प्रत्याशी नामांकन दाखिल कराने के लिए रवाना हो गए।