कोरबा जिले के रिसदी क्षेत्र में एक निजी भवन में संचालित बाल संप्रेक्षण गृह से चार अपचारी बालक सुरक्षा में लगे नगर सैनिक को चकमा देकर फरार हो गए। पुलिस ने एक अपचारी बालक को पुनः संरक्षण में ले लिया है। वहीं शेष तीन अपचारी बालको की पता-साजी की जा रही है, इनमें दो जांजगीर-चांपा जिले के बताये जा रहे हैं।कोरबा जिला के रिसदी क्षेत्र में एक निजी भवन में संचालित बाल संप्रेक्षण गृह में अलग-अलग अपराधिक मामलों के करीब 45 अपचारी बालक निरुद्ध हैं। यहां कोरबा के अलावा जांजगीर-चांपा जिले के अपराधिक मामलों के अपचारी बालक भी रखे गए हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा के लिए यह नगर सैनिकों को तैनात किया गया है। बताया जा रहा हैं की सुरक्षाकर्मी दरवाजा खोल कर बैठा था। इस दौरान योजना बनाकर चोरी के मामले के चार निरुद्ध अपचारी बालक फरार हो गए। नगर सैनिक की नजरों के सामने ही सभी अपचारी बालक भाग गए सुरक्षाकर्मी ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की पर कामयाब नहीं रहा। इसकी सूचना मिलने पर हड़कंप मच गया। घटना की सूचना सिविल लाइन रामपुर थाना में दर्ज कराई गई।लापता बच्चों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर पता-साजी शुरू की गई। इस दौरान पता चला कि सभी बच्चे रिसदी से बालको जाने वाले रास्ते पर भागे हैं। इस आधार पर पुलिस ने नाकेबंदी की और बालको में एक अपचारी बालक को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। पकड़े गए बालक को जांजगीर-चांपा जिले की पुलिस ने यहां दाखिल कराया था। कोरबा के पंप हाउस व ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में रहने वाले दो अपचारी बालकों की तलाश पुलिस अभी भी सरगर्मी से कर रही है। शेष फरार अपचारी बालक बाइक चोरी के मामले में धारा 379 के तहत गिरफ्तार किए गए थे। बेहद गंभीर बात तो यह है कि घटना के आठ घंटे बाद भी किशोर न्यायालय बोर्ड के सदस्यों को इस घटना की जानकारी बाल संप्रेषण गृह से नहीं दी गई थी।यहां बताना होगा कि जहां संप्रेषण गृह संचालित है वह भवन किराए का है और बेहद जर्जर हो चुका है। साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से गंदगी का आलम भी है। बदबू आने की वजह से नगर सैनिक अकसर दरवाजा खोल कर बैठा करता था और अपचारी बालको ने इसी का फायदा उठाया और योजनाबद्ध ढंग से फरार हो गए। जानकारी यह भी मिली है कि जर्जर भवन को खाली कर नए व्यवस्थित और सुविधाजनक भवन में शिफ्ट किए जाने की अनुशंसा प्रशासन से कई बार की जा चुकी है, पर अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।