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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में UPSC-PSC की कोचिंग के नाम पर ठगी

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रायपुर ,छत्तीसगढ़ में UPSC-PSC कोचिंग के नाम पर 18 लाख रुपए की ठगी हुई है। जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर स्थित कौटिल्य एकेडमी के ब्रांच डायरेक्टर और उनकी पत्नी ने मिलकर एग्जाम की तैयारी करवाने के नाम पर छात्रों से करीब 18 लाख रुपए लिए थे।

लेकिन अब ये दोनों पैसे लेकर फरार हो गए हैं। वहीं सैलरी के नाम पर जो चेक उन्होंने फैकल्टी दिए थे, वो भी बाउंस हो चुके हैं। शिकायत के बाद इस पूरे मामले में सरस्वती नगर पुलिस थाने में FIR दर्ज कर ली गई है।

पीड़ित छात्रों ने बताया कि डायरेक्टर पवन टांडेश्वर और उनकी पत्नी रूबी मजूमदार ने UPSC-CGPSC की तैयारी करवाने के लिए कौटिल्य एकेडमी के नाम पर रायपुर के जीई रोड पर अनुपम गार्डन के सामने कोचिंग सेंटर ओपन किया था।

एकेडमी की ओर से करीब डेढ़ दर्जन बच्चों से 18 लाख रुपए लिए गए थे। लेकिन इस बीच शिफ्टिंग के नाम पर क्लास बंद कर दी गई। और इसके कुछ दिनों बाद दोनों पति-पत्नी फरार हो गए।

पेरेंट्स ने बताया कि अचानक क्लास बंद होने के बाद कौटिल्य अकादमी के डायरेक्टर पवन टांडेश्वर से शिकायत की गई थह। इस पर पवन ने उन्हें कोचिंग क्लास दूसरी जगह पर शिफ्ट करने का बहाना दिया। पवन ने कहा कि अक्टूबर में दूसरे जगह क्लास चालू हो जाएगी।

लेकिन क्लास इसके बाद रिस्टार्ट नहीं हुई। वहीं पुराने क्लास रूम की बिल्डिंग पर भी ताला जड़ दिया गया। बच्चों ने जब डायरेक्टर और उसकी पत्नी रुबी से संपर्क किया तो वह टालमटोल करने लगे।

कुछ हफ्ते तक स्टूडेंट्स को अलग-अलग बहाने देकर दोनों ने लटकाए रखा। इसके बाद दोनों ने बच्चों के नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिए। परेशान होकर स्टूडेंट ने इसकी शिकायत सरस्वती नगर पुलिस को दी।

इस मामले में सरस्वती नगर थाना प्रभारी रविंद्र यादव ने धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज कर लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी पति-पत्नी की तलाश जारी है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

इस मामले में कौटिल्य एकेडमी के रायपुर ब्रांच के नम्बर में पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

वहीं कौटिल्य एकेडमी में पढ़ाने वाले दो फैकल्टी निशांत और जया की भी तनख्वाह नहीं दी गई। दोनों का आरोप है कि डायरेक्टर पवन ने फैकल्टी को जो चेक दिया था वो साइन मैच नहीं होने से बाउंस हो गया। इस मामले में फैकल्टी ने भी पुलिस से शिकायत की है।

वही स्टूडेंट का कहना है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं, उन्होंने पैसों को इकट्ठा कर कोचिंग की फीस भरी थी। लेकिन उनके साथ धोखाधड़ी हो गई, उन्होंने न्याय की मांग की है।

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