कोरबा —चोरी के दो आरोपियों की जमानत लेने के लिए न्यायालय को गुमराह करने व जमानतकर्ता का फोटो के स्थान पर एक अन्य प्रकरण से जुड़ी महिला का फोटो चिपका कर फर्जीवाड़ा और कूटरचना के मामले में गिरफ्तार किए गए अधिवक्ता कमलेश साहू को जमानत नहीं मिल सकी है। उनका जमानत आवेदन पाली जेएमएफसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसके खारिज होने के साथ ही अधिवक्ता को जेल दाखिल करा दिया गया है।
बता दें कि अधिवक्ता कमलेश साहू को पाली पुलिस ने आज सुबह कोरबा न्यायालय जाते वक्त वीआईपी मार्ग में घेराबंदी कर पकड़ा था। आवश्यक वैधानिक कार्रवाई पश्चात आरोपी अधिवक्ता को पाली के न्यायालय में पेश किया गया। यहां अधिवक्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया जो सक्षम न्यायालय नहीं होने के कारण जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।
जुलाई 2020 को उजागर हुए इस प्रकरण में आरोपी अधिवक्ता राजेश राठौर पिता भगवान प्रसाद राठौर निवासी टॉवर मोहल्ला, श्रीमती मनटोरा बाई पति स्व. सालिक राम धनुहार 55 वर्ष निवासी वार्ड 11 एवं श्रीमती कुंवरियां बाई पति जगत राम धनुहार 38 वर्ष निवासी ग्राम बगदरा पाली के विरूद्ध धारा 193, 419, 420, 468, 469, 470, 471, 120 बी व 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया था। मामले में कमलेश साहू के साथी अधिवक्ता राजेश कुमार राठौर, मनटोरा बाई एवं कुंवरिया बाई को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कमलेश साहू के विरुद्ध साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा था जिसके विरुद्ध मामले में संलिप्त होने बाबत पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर आज 9 दिसम्बर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
0 क्या है मामला
बता दें कि यह मामला पाली थाना क्षेत्र का है जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवान दास पनिका के न्यायालय में फर्जी जमानतदार खड़ा कर जमानत ली गई थी। पुलिस चौकी हरदीबाजार के इश्तगाशा क्रमांक 5/20 धारा 41 (1-4) जा.फौ. तथा 379 भादवि के प्रकरण में 21 फरवरी 2020 को आरोपी पवन कुमार श्रीवास्तव पिता सवलिया 24 वर्ष निवासी छपरा व जमीर अहमद मंसूरी पिता सफी मोहम्मद 46 वर्ष निवासी मुंबई हाल मुकाम पोड़ीबहार का जमानत आवेदन पेश किया गया। आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता कमलेश साहू व राजेश राठौर उपस्थित हुए। राजेश राठौर ने पाली के वार्ड क्र. 11 निवासी मनटोरा बाई को बुलाकर उसकी स्व. मां इतवारा बाई का मूल ऋण पुस्तिका जमानत हेतु प्राप्त किया गया। मनटोरा बाई को प्रलोभन देकर एवं रिश्तेदार कुंवरिया बाई को भरोसे में लेकर न्यायालय में इतवारा बाई का ही नाम बताने की सांठ-गांठ की। जमानत लेने से पहले दोनों महिलाओं का शपथ पत्र अधिवक्ता कमलेश साहू के साथ आए मुंशी आशीष कुमार साहू को फर्जी जमानतदार तथा पहचानकर्ता का नाम व पता गलत बताकर शपथ अन्य अधिवक्ता बीएल जायसवाल से नोटरी कराया गया। उक्त दस्तावेज प्रस्तुत कर दोनों आरोपियों की जमानत ले ली गई। जमानत के दौरान न्यायालय द्वारा जमानतदार इतवारा बाई (जो कि वास्तव में मृत है) का आधार कार्ड मांगा जो अशिक्षित होने व जल्दबाजी में नहीं लाना बताकर दूसरे दिन स्वयं प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया। बाद में आज कल कहकर न्यायालय को गुमराह किया गया। न्यायालय द्वारा जांच कराने हेतु आदेशित करने पर षड़यंत्रपूर्वक एक अन्य पक्षकार श्रीमती निर्मला सारथी द्वारा अपने पति स्व. जगन्नाथ सारथी की सड़क दुर्घटना में मौत होने पर बीमा क्लेम हेतु दिए गए फोटो को न्यायालय के रिकार्ड में मनटोरा बाई के स्थान पर चस्पित कर दिया गया। इस पूरे मामले में विवेचना पश्चात एसआई अशोक शर्मा के द्वारा कूटरचना कर फर्जी रूप से मृत महिला के नाम पर उसकी पुत्री को खड़ा कर व अन्य महिला को पहचान हेतु मूल पता न बताकर अपराधिक षड़यंत्र करने का दोषी पाया गया।