राज्य स्तरीय सम्मेलन के बैनर फोटो में जिले के प्रभारी मंत्री अरूण साव को नहीं मिली जगह… कवरेज में नहीं पहुंचे मीडिया कर्मी फोन करके बुलाने की क्यों पड़ गई जरूरत….
netagiri.in—कोरबा जिले में आज राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिले के इंदिरा स्टेडियम ग्राउंड में आयोजित था जिसमें विभिन्न जिलों के श्रमिकों को बुलाया गया था हालांकि कोरबा जिले में ही डेढ़ लाख से अधिक संगठित असंगठित श्रमिकों का पंजीयन है और उनके श्रम कार्ड बने हैं कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के बाहरी जिलों को मिलाकर कल 3 से 4 हजार श्रमिकों की भीड़ रही जबकि कोरबा जिले में ही डेढ़ लाख से अधिक संगठित असंगठित पंजीकृत श्रमिकों की संख्या है फिर भी कार्यक्रम में 5 से 6हजार श्रमिकों को लाने का लक्ष्य निर्धारित था और इसके लिए लगभग करोड़ों खर्च करके विशालकाय डोम सहित अन्य टेंट और खाने की की व्यवस्था की गई थी
वावजूद इसके कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी जिले के मीडिया कर्मियों का आमंत्रित नहीं कर पाए जिसके चलते
मीडिया कर्मियों के बैठने के लिए बनाई गई व्यवस्था में सन्नाटा पसारा रहा और सारी कुर्सियां खाली रही 2 से 4 पत्रकार ही कार्यक्रम स्थल में नजर आए हालांकि मीडिया प्रभारी ने कार्यक्रम स्थल से ही कुछ मीडिया कर्मियों को फोन की घंटी बजाकर कार्यक्रम में बुला लिया था
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शायद मीडिया कर्मियों को भी इंतजार था कि प्रदेश के श्रम मंत्री के गृह जिले में मीडिया कर्मियों के श्रम का सम्मान होगा हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ चेहरे देखकर कार्यक्रम का विज्ञापन बांट दिया गया
इसी बीच मीडिया कर्मियों की नजर कार्यक्रम स्थल के सैकड़ो बैनर पोस्ट पर गई क्योंकि कुछ भाजपा के
कर्मठ कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल के बैनर पोस्टरों में जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव की तस्वीर खोज रहे थे और खोजें भी क्यों ना…? राज्य स्तरीय कार्यक्रम है और जिले के प्रभारी मंत्री की तस्वीर को कहीं भी जगह नहीं मिल पाई थी मंच में लगे स्क्रीन पर भी देश के प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रीऔर श्रम मंत्री की इकलौती तस्वीर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते रही
दबी जुबान से तो कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि कार्यक्रम स्वयंभू है जिससे कई संगठन के पदाधिकारी नाराज भी है क्योंकि राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री सहित संगठन के किसी पदाधिकारी को तवज्जो ना देना एक तरह से यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी है हालांकि इन सारी त्रुटियों के करता धर्ता कौन है यह भी जग जाहिर है जिसका खामियाजा सीधे सरल स्वभाव के मंत्री जी के राजनीतिक कैरियर पर अपना असर दिखा सकता है