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पहले मेडिकल कॉलेज लटका और अब नया ट्रांसपोर्ट नगर पर राजनीति कर रहे हैं ,बरबसपुर में 25 एकड़ जमीन उनकी और उनके परिवार की है या नहीं, स्वार्थ सिद्ध नहीं हुआ तो राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल कर रहे हैं विरोध…. ननकीराम कंवर का बयान

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Netagiri.in news —- नए ट्रांसपोर्ट नगर के स्थल चयन को लेकर राजनीति गरमाने लगी है इस राजनीति में प्रशासनिक अधिकारियों को भी खरी खोटी सुनाई जा रही है माहौल ऐसा है कि जलते हवन में घी डालने का काम नेताओं द्वारा किया जा रहा है ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर कहीं बीजेपी के जिलाध्यक्ष राजीव सिंह ने राजस्व मंत्री को आरोप लगाते दिख रहे हैं तो वही नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद ने भाजपा जिलाध्यक्ष को प्रशासन का एजेंट और सपना चौहान जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष ने राजीव सिंह को प्रशासनिक दलाल बोल दिया है अब रामपुर विधानसभा क्षेत्र के कद्दावर आदिवासी पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए
कहा है कि ……

छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल के कारण पहले मेडिकल कॉलेज लटका और अब नया ट्रांसपोर्ट नगर पर राजनीति कर रहे हैं जयसिंह बताएं कि बरबसपुर में 25 एकड़ जमीन उनकी और उनके परिवार की है या नहीं, रही बात राखड़ फेकने की तो अब चार साल बाद याद आई है जबकि राखड़ से तो पूरा जिला परेशान है।
मां सर्वमंगला की नगरी कोरबा के विकास कार्यों से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल खिलवाड़ कर रहे हैं। पहले तो उनके कारण से प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के मॉडल प्रोजेक्ट शासकीय मेडिकल कॉलेज खुलने में विलंब हुआ। कोरबा में शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापना की स्वीकृति तो प्रदान कर दी लेकिन यहां एक साल पहले बन जाने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भूमि चिन्हांकन के नाम पर राजनीति किया। जमीन के नाम पर मेडिकल कॉलेज को लटका दिया और कभी रूमगरा तो कभी और कहीं जमीन तलाश करते रहे। इसका कारण यह था कि मंत्री जी की जमीन रूमगरा, बालको, चुईया के आसपास है। मेडिकल कॉलेज तो झगरहा में शुरू हो गया लेकिन जब राजस्व मंत्री की मनमानी मेडिकल कॉलेज में नहीं चली तो अब नया ट्रांसपोर्ट नगर और राखड़ के नाम पर राजनीति शुरू कर दिए हैं। चार साल में भी नया ट्रांसपोर्ट नगर के लिए एक ईंट तक नहीं रखवा पाए और अब राजनीति कर रहे मंत्री जी साफ-साफ बताएं कि 25 एकड़ भूमि उनके परिजनों और करीबियों – मेसर्स गोल्डन प्रोजेक्ट खसरा नंबर 288/1, रकबा 1.297 हे., रिशु अग्रवाल, रोहित अग्रवाल खसरा नंबर 288/2, रकबा ०.668 हे., आशीष भावनानी व देवाशीष भावनानी खसरा नंबर 288/3, रकबा ०.668 हे., आशीष भावनानी/महेश भावनानी खसरा नंबर 14/1० रकबा ०.1०० हे., मेसर्स एम.एम. इन्फ्राटेक खसरा नंबर 17०/2, रकबा ०.336 हे., मेसर्स शांति इंजिकॉम खसरा नंबर 2०8 रकबा ०.8०9 हे., भागीदार खसरा नंबर 257/1, रकबा ०.2०2 हे., प्रियंका पति रोहित अग्रवाल खसरा नंबर 257/2, रकबा ०.2०2 हे., महेश भावनानी पिता टीएन भावनानी खसरा नंबर 271, रकबा ०.2०2 हे. भूमि, मेसर्स कोरबा निर्माण भागीदार महेश भावनानी, रिशु अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल पिता सत्यनारायण के नाम से खसरा नंबर 34/3 रकबा ०.227 हे., खसरा नंबर 55/2, रकबा ०.486, खसरा नंबर 57/9, रकबा ०.०61० हे., खसरा नंबर 6०/1, रकबा ०.356, खसरा नंबर 63/1, रकबा ०.445 हे., खसरा नंबर 227 रकबा ०.777, खसरा नंबर 228/1, रकबा ०.445 हे., खसरा नंबर 228/2, रकबा ०.283 हे., खसरा नंबर 234/1 रकबा ०.567, खसरा नंबर 339 रकबा ०.2०2, खसरा नंबर 278 रकबा ०.8०9 हे. इनके नाम पर हैं कि नहीं। इस पर राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल को जवाब देना चाहिए। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा की जनता को ठगना और मूर्ख बनाना बंद करें। असल बात तो यह है कि श्री जयसिंह अग्रवाल के द्वारा अपनी जमीन की कीमत बढ़ाने के लिए यह राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। जिस बरबसपुर में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल इतना शोर मचा रहे हैं, दरअसल वे अपनी निजी जमीन की कीमत बढ़ाने का ईरादा रखते हैं। निजी जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर बसेगा तो अनाप-शनाप मुआवजा सरकार से प्राप्त करेंगे किंतु शासकीय भूमि पर ट्रांसपोर्ट नगर विकसित हुआ तो मुआवजा नहीं मिलेगा। मंत्री अपनी जिद पर शहर के विकास का सत्यानाश कर रहे हैं।
कोरबावासियों को यह भी पता है कि जहां से नेशनल हाईवे गुजर रही है वहां पर भी इन्होंने खेला किया है। स्वयं के अलावा भोले-भाले आदिवासी जनप्रतिनिधि धुरपाल सिंह कंवर के नाम पर कटघोरा एनएच में जमीन खरीदा है। रही बात भिलाईखुर्द में राखड़ फेंकने की तो, इन्हें अब जाकर राखड़ की याद आई है और नेतागिरी कर रहे हैं। आखिर राजस्व मंत्री 4 साल तक कहां थे जब खुलेआम खुद के अप्रत्यक्ष सहभागिता वाले ठेका कंपनी के माध्यम से शहर के बीच व आसपास के इलाकों में राख फेंक रहे थे। मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल का जन सरोकार से कोई वास्ता नहीं रह गया है बल्कि वे अपनी ठेकेदारी करने के लिए यह सब राजनैतिक दिखावा कर रहे हैं। वे अपने लाभ के लिए कोरबा शहर व जिले के भोले-भाले लोगों को ठगना बंद करें।
नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र के बरबसपुर में जहां राजस्व मंत्री नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की अपनी जिद पर अड़े हैं वो क्षेत्र अपशिष्ट पदार्थों के भंडारण का स्थल है। बरबसपुर साइट को एसएलआरएम सेंटर के लिए आबंटित किया जा चुका है। पर्यावरण विभाग का नियम है कि जिस स्थान पर अपशिष्ट पदार्थ फेंके जाते हैं उसके 5०० मीटर तक कोई भी डेवलपमेंट नहीं करना है, यह सेंट्रल पाल्युशन कंट्रोल बोर्ड का गाइड लाइन है। क्या मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल अब नगर निगम के एसएलआरएम सेंटर के लिए आबंटित जमीन और नो डेवलपमेंट जोन को भी प्रभावित करेंगे?
सादर
ननकी राम कंवर, रामपुर विधायक व पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ शाशन

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