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कोरबाक्राइमछत्तीसगढ़प्रशासनिकराजनीति

छत्तीसगढ़ सरकार के ग्राम पंचायतों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों पर फेरा जा रहा पानी, कार्य एजेंसी एवं पंचायतों के अधिकार के नाम पर पंचायतों के अधिकारों का उनके ही विधायक और अधिकारी कर रहे हनन

Netagiri.in—छ ग राज्य शासन ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए ग्राम पंचायतों को 50 लाख तक के निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों के जरिए कराने आदेश भले ही जारी कर दिए हैं लेकिन जनपद स्तर के अधिकारी ग्राम पंचायत के भोले भाले आदिवासी सरपंचों का अधिकार छीनने में पीछे नहीं हट रहे हैं कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत तिवरर्ता का है जहां लगभग पौने दो करोड़ की लागत से आत्मानंद स्कूल की मरम्मत एवं नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य होना है लगभग कई पार्टों में बांटकर कार्यएजेंसी भले ही ग्राम पंचायत को बना दी गई है लेकिन पंचायत का यह अधिकार सिर्फ कागजों तक ही सीमित है गांव की सरपंच सहित वरिष्ठ अधिकारियों एवं छत्तीसगढ़ सरकार को भी धोखे में रखा गया है और आदिवासी महिला सरपंच के अधिकारों का हनन किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार निर्माण कार्य क्षेत्रीय विधायक ,जनपद सीईओ एवं इंजीनियर जनपद पाली के आदेश पर किसी ठेकेदार द्वारा कराए जाने का दबाव सरपंच को दिया गया जिसके विरोध में ग्राम सभा भी आयोजित की गई थी बावजूद इसके ग्रामसभा का कोई अस्तित्व कायम नहीं रह पाया और अंततः ग्राम पंचायत तिवरता के हाई स्कूल प्रांगण में आत्मानंद स्कूल हेतु बिल्डिंग का मरम्मत उन्नयन एवं नई बिल्डिंग निर्माण का काम जिले के किसी बड़े ठेकेदार को दे दिया गया है जोकि गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है

नाम किसी का काम किसी का, पंचायती राज अधिकारों का हो रहा है हनन आत्मा नंद स्कूलों का मामला

मामले में जब सरपंच श्रीमती रामशिला बाई नेट्टी से निर्माण कार्य के संबंध में जानकारी मांगी गई तो उन्हें जनपद सीईओ का नाम नहीं पता नाही कितनी लागत से काम स्वीकृत है इसकी कोई जानकारी है और ना ही किस ठेकेदार के द्वारा काम कराया जा रहा है इसकी कोई जानकारी है अब ऐसे में जब निर्माण कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत है और काम बाहर का ठेकेदार कर रहा है अगर किसी तरह की गुणवत्ता या कोई गैर जिम्मेदाराना काम होता है तो इसके जिम्मेदार ग्राम पंचायत होगी या अदृश्य ठेकेदार होगा

सारी रिकवरी ग्राम पंचायत के जिम्मे आएगी
जब नाम मात्र की कार एजेंसी पंचायत होगी तब
ऐसे में आदिवासी महिला सरपंच कैसे सशक्त होगी जबकि उसको ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी से अवगत नहीं कराया जाएगा

निर्माण कार्य की बात की जाए तो ठेकेदार द्वारा स्टीमेट से हटकर काम किया जा रहा है दीवालो के प्लास्टर उखाड़े बिना ही उसमें पुट्टी कराईं जा रही है वही निर्माण कार्य में गुणवत्ता के कई मापदंडों में अनदेखी देखने को मिली इसके साथ-साथ कार्यस्थल पर कार्य कराए जाने संबंधित सूचना पटल बोर्ड भी नहीं लगाया गया है जबकि कोई भी सरकारी निर्माण कार्य कराने के पहले निर्माण कार्य संबंधित सूचना बोर्ड कार्यस्थल पर लगाना अनिवार्य है जिससे लोगों को लागत और कराये जा रहे कार्य की लागत और निर्माण कार्य एजेंसी विस्तृत जानकारी लोगों को मिल सके
लेकिन सब कुछ गुपचुप ढंग से कराया जा रहा है

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