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कई गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के नाम पर लगाया करोड़ों का चूना, फ्लोर मैक्स के संचालक व एजेंट पर लगा करोड़ों की ठगी का आरोप

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Netagiri.in—कोरबा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना दिखाकर लाखों का कर्जदार बना दिया गया है। अब फ्लोरा मैक्स के एजेंट पर ग्राम पंचायत गोढ़ी, दोंदरो ,बेला कछार, बेंदरकोना, नवापारा, कोरकोमा और केरवा की महिलाओं ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। संचालक अखिलेश सिंह पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। महिलाओं का कहना है कि उनके नाम पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए निकाला गए है। कई और गांव की महिलाएं सामने आ सकती है जिनसे भी ठगी की गई है। ऐसे में ठगी का आंकड़ा अरबों रुपए के पार जा सकता है। विकासखंड कोरबा अंतर्गत कोरकोमा, केरवा, गोढ़ी और बेंदरकोना में रहने वाले कई महिलाओं ने फ्लोरा मैक्स के एजेंट पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। उनका आरोप है कि उनके नाम से अलग-अलग बैंक और फाइनेंस कंपनियों से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए निकाले गए। कुछ दिनों तक एजेंटों की ओर से लोन की राशि जमा भी कराई गई लेकिन अब इसे रोक दिया गया है। ग्राम पंचायत गोढ़ी और बेंदरकोना की महिलाओं ने बताया कि लगभग एक वर्ष पूर्व उनके गांव में नीता भारद्वाज नाम की महिला पहुंची। उसने गांव में रहने वाले देलास सारथी से मुलाकात की और महिला ने खुद को फ्लोरा मैक्स का कर्मचारी बताया। महिलाओं को झांसा दिया गया कि उनके साथ जुड़ने पर जीवकोपार्जन में आसानी होगी। नीता ने गांव की महिलाओं को यह बताया कि उनके साथ जुड़ने से महिलाओं की आय में बढ़ोत्तरी होगी। नीता ने गांव की महिलाओं से आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लिया। इन्हें अलग-अलग फायनेंस कंपनियों में जमा किया गया और इन महिलाओं के नाम से समूह बनाकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए निकाला गया। यह राशि फ्लोरा मैक्स में जमा कराई गई। इससे संबंधित कंपनी की ओर से पावती भी प्रदान किया गया। महिलाओं का कहना है कि शुरुआती दौर में समूह के ब्याज और लोन की किस्त भी देने के लिए फ्लोरा मैक्स की ओर से पैसे दिए गए, बाद में इस राशि को देना बंद कर दिया गया। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि इससे प्रतीत होता है कि उनके साथ नीता और फ्लोरा मैक्स के संचालक अखिलेश सिंह ने साजिश रचकर राशि की ठगी की है। इसी मामले को लेकर ग्राम पंचायत कोरकोमा और केरवा की महिलाओं ने भी शिकायत की है। इस क्षेत्र की महिलाओं ने भी नीता भारद्वाज नाम की महिला को एजेंट बताया है। ग्रामीणों ने कहा है कि उन्होंने फ्लोरा मैक्स में इस शर्त पर लोन की राशि उठाकर दी थी कि कंपनी उनकी किश्त जमा करने के लिए पैसे देगी लेकिन अब कंपनी की ओर से दबाव बनाया जा रहा है कि कुछ दिन तक महिलाएं अपने लोन की राशि को भरें। महिलाओं ने कंपनी के इस बातों को अस्वीकार करते हुए कोरबा कलेक्ट्रेट कार्यालय में शिकायत की है। इस मसले को लेकर महिलाओं ने एसपी से भी मुलाकात की है।

 

 

पुलिस प्रशासन की लापरवाही

मामले में पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी कम नहीं है। पूर्व में फर्जी इनकम टैक्स अफसर बनकर वारदात को अंजाम दिया गया था। इसके बाद कंपनी सबके दायरे में आ गई थी। इसके बाद भी ना तो पुलिस और नहीं प्रशासन ने कंपनी की जांच करना मुनासिब समझा। जिससे महिलाएं सैकड़ों की संख्या में ठगी का शिकार होती चली गई।

 

सफेदपोश हो सकते हैं बेनकाब

फ्लोरा मैक्स से जोड़कर महिलाओं के नाम पर कंपनी ने कई बार एक ही महिला के नाम से लोन लिया है। करोड़ों रुपए की राशि जमा नहीं हुई तो आखिर किसके पास है। बताया जाता है इस खेल का मास्टर माइंड ही पैसे को रखता था। जांच हुई तो ठगी के इस खेल में कई सफेदपोश बेनकाब हो सकते हैं। प्रारंभिक तौर पर संचालक अखिलेश सिंह और ननीता का नाम सामने आया है, लेकिन इस खेल में कई और भी खिलाड़ी हो सकती हैं। जिनके इशारे पर ठगी का यह बड़ा रैकेट चलाया जा रहा है।

 

 


जिन बैंकों और कंपनी का नाम नहीं सुना उससे लोन

महिलाओं को जिन बैंकों और फाइनेंस कंपनी से लोन दिया गया है उनका नाम शायद ही अधिकांश लोगों ने सुना होगा। सूत्र बताते हैं कि महिलाओं को करोड़ों का लोन पहल बैंक, जना बैंक, एचडीएफसी, इसाब बैंक, सूर्य उदय, नाबाड, स्वनंदना, बी एस एस, ग्राम शक्ति, एस बी सी एल, आई डी एफ सी, भारत फाइनेंस, उत्कर्ष, अन्नपूर्णा से दिया गया है। उक्त फाइनेंस कंपनी और बैंकों के संचालन की अनुमति क्या जिला प्रशासन ने दी है यह भी जांच का विषय है। इसकी भी जांच की जरूरत है।

किसी को 1 बैंक तो किसी को 9 बैंकों से लोन

ग्राम पंचायत बेंदरकोना की 50 से अधिक महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से शिकायत की है। जिसके अनुसार लगभग 2 करोड़ से अधिक की राशि महिलाओं ने बैंकों से लोन लेकर फ्लोर मैक्स को दिया है। यह दोनों शिकायतों से अलग मामला है। सूत्रों की माने तो लगभग 40000 महिलाओं को ठगी का शिकार बनाया गया है। ठगी का यह मामला अरबों रुपए का हो सकता है। एक महिला को एक से अधिक बैंकों ने लोन कैसे दिया। यह बड़ा सवाल है। जानकार बताते हैं कि किसी एक बैंक में किसी का लोन रहता है तो उनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा जाता है। उसके बाद ही उनका लोन स्वीकृति होता है यह एक बहुत बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। एक से अधिक बैंकों के गरीब ग्रामीण महिलाओं को लोन देने के मामले में अपराधिक प्रकरण दर्ज होनी चाहिए। अधिकांश महिला अशिक्षित है जिसका फायदा उठाया गया है। एक बैंक ने एक महिला को 30 से 40 रुपए का लोन दिया है, जिसमें किसी को 1 बैंक तो किसी को 9 बैंकों से लोन मिला है यह हैरान करने वाला है। यह एक प्रकार का बहुत बड़ा चिटफंड है।

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