बिलासपुर का केंद्रीय जेल का एक बार फिर चौंकाने वाला मामला सामने आया है । जेल में बंद कैदियों ने वसूली के गंभीर आरोप लगाकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिज से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है । इतना ही नहीं पत्र में लिखा गया है कि बिलासपुर के चर्चित विराट अपरहण कांड का मुख्य आरोपी अनिल सिंह को जेल अधीक्षक कोमेश मंडावी का संरक्षण होने का दावा कर वसूली का कमीशन डीजी जेल तक पहुंचाने की बात लिखी गई है ।
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आरोप है कि अनिल सिंह जेल में नशे का सामन उपलब्ध करवाने और सुविधा देने के नाम पर अपने भाई सुनील सिंह जो कि कवर्धा का रहने वाला है उसके एकाउंट और मोबाइल पर 4 से 5 लाख रु जमा करवा चुका है । इतना ही नहीं जेल में सामन सप्लाई करने वाले से लेकर जेल प्रहरी तक गंभीर आरोप लगाकर मुख्य न्यायाधीश से जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है ।
पत्र में लिखा गया है कि निवेदन है कि हम सब परिजन केन्द्रीय जेल बिलासपुर के हवालती। बंदी एवं कैदी के जेल अधीक्षक बिलासपुर एवं उसके गुर्गे विराट अपहरण का मुख्य कैदी अनिल सिंह एवं जेल में सामान सप्लाई करने वाले नारायण सिंह से बहुत परेशान है। जेल अधीक्षक अपनी वसूली के लिये कैदी अनिल सिंह को नियुक्त कर रखा है जो हवालती एवं कैदियों से जगह देने के नाम पर पैसा की मांग करता है। नही देने पर मारपीट कर गलत ट्रांसफर करते रहता है। तथा जेल में बीड़ी 200/-रू. कट्टा, तम्बाखू का पैकेट 100/-रू. तथा गांजा का जीपर 500/-रु. तथा नाईट्रा गोली 100/-रू नग आसानी से उपलब्ध कराता है तथा अपने भाई सुनील सिंह कवर्धा के एकाउंट एवं मोबाईल में अभी तक लगभग 4 से 5,00,000/-रू. डालवा चुका है अधीक्षक से शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं होता जेल के अंदर मोबाईल का संचालन भी करवाता है रसूखदार कैदी एवं बंदियों से अच्छा खाना एवं रोटी, सब्जी, चाय दिलाने के संबंध में बाबा आलोक खरे से मिले कर प्रतिमाह 3500/-रू. लेता है।
वही सप्लायर नारायण सिंह के द्वारा जेल में घटिया स्तर का चावल, दाल सप्लाई किया जाता है। नारायण सिंह कहता हैं के में हर माह अधीक्षक, डी.जी. जेल को मोटी रकम तथा उनके महीने का जरूरी सामान का पूर्ति करता हूँ मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता में जैसा चाहूंगा जेल चलेगा विगत कई वर्षों से मैं एक तरफा जेल में सप्लाई कर रहा हूँ। जेल के खाने का स्तर बहुत खराब है चावल में कीड़ा, दाल, सब्जी केवल गरम पानी रहता है मसाला सब्जी का पता नहीं रहता है। चाय भी बिना शक्कर, चायपत्ती के रहता है विगत कुछ दिन पहले जेल में अनिल सिंह के शह पर गैगंवार कराया जा रहा है।
अनिल सिंह के द्वारा जेल अधीक्षक को उगाही कर पैसा दिया जा रहा है अन्य व्यवस्था का निरीक्षण करने आते हैं तो खाना उनके जाने के बाद खाना दिया जाता है तथा बंदियों एवं बंदियों क बैरक में बंद कर दिया जाता है जिससे अधिकारियों से अपनी अवगत न करा सके।
अतः माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय से निवेदन है कि गोपनीय जांच कराकर उक्त कैदी अनिल सिंह एवं जेल अधीक्षक खोमेश मडावी, मुख्य प्रहरी आखरे के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने का आदेश पारित करने की कृपा करे । फिलहाल देखना होगा कि इस पत्र के सामने आने के बाद जेल प्रशासन अपने ऊपर लगे गंभीर आरोप पर क्या प्रतिक्रिया जाहिर करता है ।