Netagiri.in—कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अफसरों एवं फर्म की जुगलबंदी से सिसक रहा है। जल जीवन मिशन के स्वीकृत कार्यों में जहां अपेक्षित गति नहीं आ रही है वहीं गुणवत्ता ,गति एवं तकनीकी मानकों मापदंडों में खामियों की लिखित शिकायत की जांच भी पीएचई 9 माह बाद भी पूरी नहीं कर सका। जिस फर्म की शिकायत हुई है उस फर्म ।ने तकनीकी मानकों को नजरअंदाज कर मनमाना कार्य कर सालों से काम लटकाए रखा है । पड़ताल में चैतमा ,मुनगाडीह में जलसंकट से जूझ रहे हितग्राहियों ने इस बदइंतजामी मनमाने रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर कर जिला प्रशासन से जिम्मदारों पर उचित कार्रवाई की मांग की है ,शीघ्र जलापूर्ति नहीं होने पर शो पीस बने स्ट्रक्चर को उखाड़ कर ले जाने का अनुरोध किया है।
सुर्खियों में रहने वाली एक फर्म मेसर्स ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स कटघोरा को कांग्रेस शासनकाल में उपकृत करते हुए रेवड़ी की तरह कार्य आबंटित कर कोरबा जिले में ही 33 पंचायतों का कार्य दे दिया गया । जिसमें सबसे ज्यादा कार्य पाली ब्लॉक से है यहां 19 पंचायतों कोरबी ,बतरा,हाथीबडी ,बम्हनीखुर्द,
बड़ेबांका,पोलमी,चैतमा ,चटुआभौना ,पोंडी ,बनबांधा ,पोटापानी ,बगदरीडांड ,
कुटेलामुड़ा,डोंगानाला,ईरफ,मुनगाडीह,
शिवपुर,कांजीपारा एवं बम्हनीकोना शामिल है। बात करें कटघोरा ब्लॉक की तो यहां भी फर्म को जल जीवन मिशन के 10 कार्य आबंटित हुए हैं इनमें मड़वामौहा ,जवाली,पुरेनाखार,डिंडोलभांठा,लोतलोता ,बिसनपुर ,बिरवट ,तेलसरा ,
नवागांव कला एवं झाबू शामिल हैं। करतला विकासखण्ड से फतेगंज ,चारमार एवं अमलडीहा तो पोंडी ब्लॉक से फर्म को सखोदा का भी कार्य आबंटित हुआ है।उपरोक्त कार्यों के एवज में फर्म को 23 जनवरी 2024 के पूर्व 10 करोड़ 21 लाख रुपए से अधिक की राशि का भुगतान हो चुका था । बावजूद कार्य 50 फीसदी भी अधूरा था । कांग्रेस शासनकाल में अफसरों एवं माननीयों की विशेष कृपा से फर्म को रेवड़ी की तरह कार्य आबंटित तो कर दिया गया ,लेकिन फर्म की फील्ड पर परफार्मेन्स एवं प्रगति की सुध लेना पूर्ववर्ती भूपेश सरकार भूल गई थी । आलम यह है कि एक भी पंचायत में कार्य की प्रगति ऐसी नही थी कि पीएम मोदी की मंशानुरूप मार्च 2024 तक योजना पूर्ण कर जलापूर्ति शुरू की जा सके। यही नहीं कार्य की गुणवत्ता एवं तकनीकी मापदण्डों की अनदेखी को लेकर भी जनाक्रोश पनप रहा था।
कहीं गढ्ढा खोदकर छोंड़ दिया गया है तो कहीं नल कनेक्शन सफेद हाथी बना हुआ था। जमीन पर पाइप लाइन बिछाकर छोंड़ दिया गया था । कई स्थानों पर नल में पीतल की टोंटी ही नहीं लगी थी। हितग्राहियों को कुएं हैंडपंप से प्यास बुझानी पड़ रही थी।
जिसे देखते हुए मिशन संचालक जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ रायपुर को दिनांक 24 जनवरी 2024 को पत्र लिखकर व्यापक लोकहित में उक्त फर्म के कोरबा ,बिलासपुर एवं अम्बिकापुर जिले में स्वीकृत समस्त कार्यों की राज्य स्तरीय टीम गठित कराकर 30 दिवस के भीतर निविदा प्रक्रिया,फर्म का अनुभव प्रमाण पत्र ,कार्यों की गुणवत्ता,तकनीकी मापदण्डों ,भुगतान प्रक्रिया ,देयक व्हाउचर की जांच कराते हुए भौतिक सत्यापन सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया गया था। तब तक तत्काल शेष भुगतान प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
मिशन संचालक ने संबंधित जिलों में पत्र की प्रतिलिपि भेजकर प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए थे। लेकिन आज 9 माह बीत गए आकांक्षी जिला कोरबा में फर्म के कार्यों की जांच आज पर्यंत पूरी नहीं की जा सकी। वहीं फर्म ने इसके बाद जिले में अधिकांश कार्य 9 माह से लटका रखे हैं ,जहां काम हो रहे वहाँ भी तकनीकी मानकों गुणवत्ता की अनदेखी कर कार्य किया जा रहा । विश्वस्त सूत्रों से इसकी सूचना मिलने पर सोमवार को इसकी पड़ताल की गई । ग्राम पंचायत चैतमा में योजना की स्थिति अत्यंत बदहाल नजर आई। उच्च क्षमता की जलागार (ओवरहेड टँकी) शो पीस बनी है नलों से टोंटी गायब दिख रही। पुलिस चौकी लाइन से लगे इलाके में ग्रामीण हर साल गर्मी में बूंद बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं ,योजना आधी अधूरी छोंड़ने से ग्रामीणों का यह इंतजार साल दर साल बढ़ता जा रहा है। बरसात खत्म होते होते उनकी परेशानी शुरू होने लगी है। पानी लेने अन्य संसाधनों के लिए उन्हें घरों से बर्तन लेकर बाहर निकलना पड़ रहा। हितग्राहियों ने बताया कि साल भर से न फर्म के लोग दिखे न अफसर न बनाए गए आधे अधूरे घरेलू नल कनेक्शन से उन्हें पानी मिला। हितग्राहियों ने दो टूक लहजे में कहा कि या तो शीघ्र उनके घरों तक जलापूर्ति शुरु की जाए या फिर शो पीस बने स्ट्रक्चर उखाड़कर ले जाएं। ताकि वो जमीन उनके किसी काम आए। ग्राम पंचायत मुनगाडीह के सावपारा में भी हितग्राही बेहद निराश परेशान दिखे। यहां तो पाइप लाइन मानकों के अनुरूप तक नहीं बिछाए जाने की बात हितग्राहियों ने कही। यहां भी शो पीस बनी घरेलू नल कनेक्शन अनुपयोगी एवं बेजार दिखा।कहीं घास फूंस व लताओं से घिरा दिखा तो कहीं टोंटी गायब दिखा। यहां भी चैतमा की तरह हितग्राहियों ने टूक लहजे में कहा कि या तो शीघ्र उनके घरों तक जलापूर्ति शुरु की जाए या फिर शो पीस बने स्ट्रक्चर उखाड़कर ले जाएं। ताकि वो जमीन उनके किसी काम आए। जल संकट से जूझ रहे कुछ हितग्राहियों ने तो यहाँ अपने परिवार की प्यास बुझाने कर्ज लेकर स्वयं बोरखनन करवा लिया है। ग्रामीणों ने चारपारा में भी यही स्थिति निर्मित होने की बात कही। हालांकि यहां के बस्ती एवं बन्धापारा में जलापूर्ति होने की बात कही गई। बात करें अन्य गांवों की तो मदनपुर रजकम्मा में 1 करोड़ 70 लाख की योजना में 60 हजार लीटर की एक उच्च क्षमता की जलागार (पानी टँकी) का निर्माण अपूर्ण है ,एक पारे में जलापूर्ति की शुरआत कर पूरे गांव में बंद पड़ी योजना को सुचारू दर्शाया जा रहा ।,वहीं बड़ेबाँका ,कुटेलामुडा में भी योजना का निर्माण अधूरा है। अन्य योजनाओँ में भी अपेक्षित गति नहीं आने निर्धारित तकनीकी मानकों के अनदेखी की शिकायत मिल रही है । जिसकी जांच की दरकार है ।कोरबा जिले के 33 पंचायतों में कार्य कर रहा फर्म जांच अधिकारियों को अम्बिकापुर की तर्ज पर अपने पक्ष में जांच प्रतिवेदन तैयार करवाने की जुगत में लगा है। कोरबा में भी दफ्तर में बैठे अफसर जांच कर फर्म को क्लीनचिट दें दें तो कोई हैरानी नहीं होगी। हालांकि पाली ब्लाक में हितग्राही से लेकर जनप्रतिनिधि फर्म के गुणवत्ताहीन मनमानी कार्यशैली के खिलाफ जिलाधीश से उचित कार्रवाई की गुहार लगाने जल्द कलेक्टोरेट कूच करने की तैयारी कर रहे।साथ ही मामला पीएमओ में संज्ञान में लाया जाएगा।
इन तकनीकी मानकों के अनदेखी की चर्चा 👇
फर्म द्वारा स्वीकृत निर्माणाधीन कार्यों में महत्वपूर्ण तकनीकी मानकों के अनदेखी की बात विश्वस्त सूत्रों द्वारा कही जा रही है।
जैसे रेफ़्रोफिटिंग सिंगल विलेज नल जल योजना में चलित नल कनेक्शन के माध्यम से जल आपूर्ति की जानी रहती है । जिसमें उच्च क्षमता के जलागार (पानी टँकी) निर्माण में सीढ़ी ,बॉटम डोम ,टैंक वॉल के गुणवत्ताहीन होने,सीढ़ियों में ट्रेड एवं राइजर आसमान होने ,एनआईटी (NIT) के नियमों के अनुरूप नहीं होने ,बॉटम डोम एवं टैंक वॉल में ब्लीडिंग के लक्षण मिलने ,कुछ स्थानों पर सीरिया निकलने ,रोड से लेवल नहीं लेने की बात कही जा रही है।
पाईप लाईन जोड़ने बिछाने ,पाईप लाइन टेस्टिंग ,टँकी से नलकूप को जोड़ने टँकी से ट्यूबवेल को जोड़ने ,लैम्प पोस्ट ,कम्पोजिट पाईप 30 सेमी. से कम गहराई (20 -25)सेमी. में बिछाने ,90 सेमी. के UPVC पाइप 91 सेमी से कम गहराई में बिछाने ,स्टैंड पोस्ट निर्माण में सीमेंट मापदंड अनुसार नहीं करने जैसी तकनीकी मानकों के अनदेखी की चर्चा है । जिसकी सूक्ष्मता से जांच की दरकार है ,ताकि भविष्य में योजना सुरक्षित ,क्रियाशील रहे।
जानें हितग्राहियों ने क्या कहा 👇
सालों से शो पीस ,अधूरा पड़ा है कोई सुध लेने नहीं आते
लंबे समय से वैसा का वैसा ही अधूरा पड़ा है। आज तक कोई अधिकारी सुध लेने नहीं आए। जल्द से जल्द हमारे घरों तक पानी पहुंचाएं ।
जुगमुनिया बाई ,ग्राम चैतमा
गर्मी में पानी के लिए तड़पते हैं ,शीघ्र पानी दें या उखाड़कर ले जाएं नल कनेक्शन
गर्मी में हमारी तकलीफ असहनीय हो जाती है,बूंद बूंद पानी के लिए तड़पते हैं। डेढ़ साल से कनेक्शन शो पीस बना पड़ा है ,जल्द पानी दें या उखाड़कर ले जाएं।
सीमा चौहान ,ग्राम चैतमा
निस्तारी के लिए नदी पर निर्भर हैं, जल्द पानी दें या शो पीस बना कनेक्शन उखाड़ें
पानी की बहुत समस्या है। निस्तारी के लिए हम लोगों को नदी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। या तो जल्द पानी दें या शो पीस बना स्ट्रक्चर नल उखाड़कर ले जाएं ।
किरण ,ग्राम ग्राम मुनगाडीह,साव पारा
कर्ज लेकर बोरखनन करवाना पड़ा
सालों से शो पीस की तरह नल कनेक्शन पड़ा है। बेटे मजदूरी करते हैं लेकिन जलसंकट की वजह से हमें कर्ज लेकर निजी बोर करवाना पड़ा।
शकुंतला ,ग्राम मुनगाडीह,साव पारा
वर्जन
शिकायत की जांच अंतिम चरण में है, मामला दिखवाते हैं
फर्म के विरुद्ध शिकायत की जांच जारी है ,जो मेरे आने से पूर्व चल रही है , अंतिम चरण में हैं। कार्य रोके जाने की शिकायत है तो इसको जल्द दिखवाते हैं।
आदित्य प्रताप ,एसडीओ ,पीएचई कटघोरा सब डिवीजन