हर घर कनेक्शन देने ग्रामीणों से 99 हजार की वसूली, समस्या निवारण शिविरों के बाद भी गांव में समस्या बरकरार, सरपंच सचिवों को ग्रामीणों की समस्याओं से नहीं है कोई सरोकार, जिस पंचायत से सचिव की जॉइनिंग वापस उसी पंचायत में पिछले 5 वर्षों से है पदस्थ
कोरबा जिले के जनपद कोरबा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कोलगा में ग्रामीणों की समस्याएं उनका जी का जंजाल बनी हुई है ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली, पीने का शुद्ध पानी, पेंशन और सड़क को लेकर उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है समस्याओं से निजात दिलाने गांव के पूर्व सरपंच एवं वर्तमान सचिव द्वारा प्रत्येक कार्ड के पीछे ढाई ढाई सौ रुपए वसूले गए थे और बोला गया था कि प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के लिए पैसा लिया जा रहा है इस विषय पर जब गांव के सचिव से पूछा गया तो गांव के सचिव श्रीमती सूरज बरेठ ने बताया कि दो-तीन साल पहले पीएचई विभाग को देने गांव में प्रत्येक कार्ड के पीछे ढाई सौ रुपए लेकर कुल ₹99 हजार रुपए वसूले गए थे लेकिन सरकार बदलने के बाद यह काम नहीं हो पाया अब सवाल उठता है कि गांव वालों से वसूले गए ₹99हजार आखिर कहां गए ग्रामीण आज भी प्राकृतिक स्रोतों से पानी पीने को मजबूर हैं तो वही गांव की सड़क भी खस्ताहाल है एक ग्रामीण
आदिवासी महिला ने तो खुद के 12 सौ ₹ खर्च करके घर के सामने दलदल में मुरूम डलवाया जिसके बाद सड़क चलने योग्य बनी गरीबों को समस्या से निजात दिलाने गांव में ट्रांसफार्मर लगाने के नाम पर भी प्रत्येक घर से ₹100 वसूले गए जिसके बाद आज तक ना तो वहां ट्रांसफार्मर लगा और ना ही लोगों को कनेक्शन मिला लोग डायरेक्ट बिजली की तारों से कनेक्शन लेकर घर रोशन कर रहे हैं या यू कहे बिजली की चोरी हो रही है गांव में पेंशन की समस्याएं भी बरकरार है ग्रामीणों ने बताया कि पिछले छह-सात महीने से पेंशन नहीं मिली है गांव में पसरी समस्याओं को लेकर शायद गांव के सरपंच सचिव संवेदनशील नहीं है बताया जा रहा है कि यहां पदस्थ सचिव सूरज बरेठ की जॉइनिंग इसी पंचायत से हुई और कुछ दिनों के लिए बाहर पंचायत पर जाकर पुनः इसी पंचायत में पिछले 5 वर्षों से पदस्थ है हालांकि बीच-बीच में कुछ सचिवों का तबादला किया जाता है यह वाला देख कर कि पिछले कई वर्षों से जमे हैं लेकिन पंचायत के इस सचिव पर इतनी मेहरबानी का राज क्या है यह तो अधिकारी ही बता पाएंगे क्योंकि ऐसा कोई मेहरबानी या शाबाशी देने का काम भी पंचायत में सचिव द्वारा नहीं दिख रहा पंचायतों में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है फिर चाहे वह ओडीएफ के शौचालय हूं या प्रधानमंत्री आवास में गड़बड़ी और पेंशन में गड़बड़ी सारी समस्याओं से ग्रामीण जूझ रहे हैं क्योंकि शायद यहां जनपद और जिला स्तर के अधिकारी जांच में नहीं पहुंचते हैं और शायद हर महीने समस्या निवारण शिविर जो सरकार की प्राथमिकता में था वह भी यहां नहीं लगाया गया