netagiri.inकोरबा जिले के चारों परियोंजनाओ के भूविस्थापित अपनी रोजगार , मुआवजा , पुनर्वास एवं अन्य समस्याओं के संबंध में लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं , लेकिन सकारात्मक परिणाम नहीं आने से दुखी एवम आक्रोशित हैं । अपनी समस्याओं के संबंध में कटघोरा विधायक श्री प्रेमचंद पटेल जी को अवगत कराया। समस्याओं की गंभीरता को सुनकर तत्परता दिखाते हुए पटेल ने मुख्यालय के अधिकारों के साथ बैठक आयोजित कराई । जिसमें डायरेक्टर टेक्निकल श्री कापरी , औद्योगिक संबंध श्री एक के संतोषी , महाप्रबंधक भू राजस्व शरद तिवारी बैठक में उपस्थित रहे ।
कोरबा जिले के गेवरा , दीपका कुसमुंडा , कोरबा क्षेत्र की भूविस्थापित समस्याओं के संबंध में बिलासपुर मुख्यालय में 11 मार्च को बैठक संपन्न हुई। जिसमें चारों क्षेत्र के भूविस्थापित समस्याओं के संबंध में चर्चा की गई । पुराने अर्जन में 1978–79 से 1990 तक रोजगार देने हेतु नीति नियम निर्धारित नहीं थे । जिसके कारण उद्योग विभाग भोपाल एवं अतिरिक्त कलेक्टर कोरबा के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा था , परंतु वर्ष 2014 के बाद से एकाएक प्रबंधन के अधिकारी अपने कम्पनी के 1984 के पत्र का हवाला देकर अर्जन के बाद जन्म नामांकित उम्मीदवार को रोजगार की पात्रता नहीं होने का कारण बताकर रोजगार देना बंद कर दिए है। तब से रोजगार के लिए यहां वहा भटक रहे हैं । यह स्थिति तब निर्मित हुई जब प्रबंधन के अधिकारी तत्कालीन समय में खातेदार को रोजगार उपलब्ध नहीं कराई । उम्र दराज होने के उपरांत खातेदार के पुत्र या पोता या अन्य सदस्य के द्वारा रोजगार हेतु नामांकन जमा किया गया है , जिन्हें अर्जन के बाद जन्म होने का हवाला देकर रोजगार नहीं दिया जा रहा हैं । ज्ञात हो कि 1978 – 79 से 2014 तक लगातार अर्जन के बाद जन्म लिए नामांकित व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया गया है । जिनकी संख्या सैकड़ो है । प्रबंधन के अधिकारी वर्ष 2014 के बाद से 1984 के नियम का हवाला देकर रोजगार के लिए अपात्र बता रहे हैं । जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है । समस्या के निराकरण हेतु कई बार बैठक आयोजित हुई , परंतु अधिकारी निराकरण करने में गंभीर नहीं रहे । अधिकारियों का ध्यान केवल कोयला उत्पादन पर है ।
भूविस्थापित नेता ब्रजेश श्रीवास के द्वारा यह पूछने पर की यह नियम कब आया और कौन से विभाग के द्वारा लाया गया है अधिकारी जवाब देने से बचते रहे एवम् कोर्ट के माध्यम से ही समस्या का निराकरण होने की बात कहते रहे । भूविस्थापितो ने अधिकारियों के तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध नहीं करने पर बैठक में ही अपनी नाराजगी व्यक्त की । बैठक में बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि अधिकारी समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीर नहीं है । बैठक में अधिकारियों की बातों को सुनकर विधायक पटेल जी ने स्पष्ट शब्दों मे कहा कि किसानों की जमीन ली है , तो रोजगार देना पड़ेगा अनावश्यक नियम कानून का हवाला देकर रोजगार से वंचित करना हम बर्दाश्त नहीं करेंगे । नियम कानून एक समान होना चाहिए । कंपनी में व्याप्त अन्य खामियों के संबंध में भी विधायक महोदय ने स्पष्ट रूप से अधिकारी को अवगत कराया । अधिकारियों के टाल मटोल रवैया से नाराज होकर भूविस्थापित अन्य मांगों पर बगैर चर्चा के बैठक समाप्त कर दिए । बैठक के दौरान भूविस्थापितो ने समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर अनिश्चितकालीन खदान बंद करके की चेतावनी अधिकारियो को दी , तब पटेल जी ने कहा आपकी पीड़ा से मैं भी व्यथित हूं । मैं आपके साथ हूं एवम आंदोलन में मैं भी आपके साथ रहूंगा ।बैठक मे रघुराज सिंह , दुष्यंत शर्मा , मोनू राठौर, बेहतरीन बाई , ब्रजेश श्रीवास , प्रताप सिंह , परमेश्वर बिंझवार , हेमलाल श्रीवास, प्रकाश कोर्राम , सन्तोष राठौर , रघु यादव , बसंत चौहान , राकेश कंवर उपस्थित थे ।