WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
उपलब्धिकोरबाछत्तीसगढ़प्रशासनिकबिलासपुरव्यापार

एसईसीएल असीम संभावनाओं की कम्पनी – डा. प्रेम सागर मिश्रा उत्पादन, डिस्पैच व ओबीआर में अब तक के सर्वाधिक के शिखर पर एसईसीएल

Spread the love

Netagiri in—वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसईसीएल ने शानदार प्रदर्शन किया है कम्पनी ने 167 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जो कि स्थापना से किसी भी एक वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर 24.5 मिलियन टन का ग्रोथ दर्ज किया है जो कि किसी भी एक वर्ष में सर्वाधिक अभिवृद्धि है। गत वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने 160.05 मिलियन टन कोयला उपभोक्ताओं को प्रेषित किया जिसमें सर्वाधिक 139.6 मिलियन टन कोयला देश के विद्युत संयंत्रों को भेजा गया, यह किसी एक वर्ष में कम्पनी द्वारा पावर सेक्टर को दिया गया सर्वाधिक डिस्पैच है। ओव्हर बर्डन रिमूवल (ओबीआर) में कम्पनी ने ऐतिहासिक परिणाम दिए व 35 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 264.10 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर निष्कासित किया। ज्ञात हो कि ओबीआर कोयला निष्कासन से पूर्व की प्रक्रिया है तथा इससे आने वाले समय में एसईसीएल को बड़ा उत्पादन लक्ष्य साधने में मदद मिलेगी।एसईसीएल के 167 मिलियन टन उत्पादन में रायगढ़ सहित कोरबा कोलफील्ड्स का योगदान 148.43 मिलियन टन का रहा, जो कि गत वर्ष से 19 प्रतिशत अधिक था। सेन्ट्रल इण्डिया कोलफील्ड के खदानों से 5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ कुल उत्पादन 18.57 मिलियन टन रहा। समग्र रूप से एसईसीएल की कुल 8 संचालन क्षेत्रों ने गत वर्ष से अधिक कोयला उत्पादन दर्ज किया।एसईसीएल ने कोलइण्डिया में भूमिगत खदानों के जरिए सर्वाधिक उत्पादन दर्ज किया। कम्पनी का यूजी प्रोडक्शन 11.64 मिलियन टन रहा तथा इसमें कई वर्षों के बाद सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी। विदित हो कि यूजी विजन के तहत कम्पनी ने कान्टिन्यूअस माईनर जैसे आधुनिक तकनीक के भूमिगत खदानों में नियोजन को प्रोत्साहित किया है जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत खैरहा भूमिगत खदान ने 8.77 लाख टन कोयला उत्पादित किया तथा कान्टिन्यूअस माईनर तकनीक के जरिए देशभर में सर्वाधिक कोयला उत्पादित करने वाली खदान बनी।एसईसीएल की गेवरा परियोजना देश में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन व डिस्पैच करने वाली देश की एकमात्र खदान रही। गेवरा का कुल उत्पादन 52.5 मिलियन टन रहा । कुसमुण्डा मेगा परियोजना ने पिछले वर्ष की तुलना में रिकार्ड 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की तथा 43 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादित किया। कम्पनी की तीसरी मेगा परियोजना दीपका का वार्षिक उत्पादन 32.15 मिलियन टन रहा।एसईसीएल ने भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों में इस वर्ष कुल 704 भूविस्थापितों को रोजगार स्वीकृत किए जो कि पिछले एक दशक में सर्वाधिक है। कम्पनी ने 750 से अधिक आश्रित रोजगारों की भी स्वीकृति दी।गत वित्तीय वर्ष में सीएसआर के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए लगभग 45 करोड़ रूपये खर्च किए गए जिसमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में 27 करोड़ एवं शिक्षा के क्षेत्र में 11 करोड़ रूपये खर्च किए गए। सतत धारणीय विकास अंतर्गत खदानों से निकले जल के सदुपयोग को प्रोत्साहित किया गया। वर्ष 2022-23 में एसईसीएल द्वारा खदान से निकला लगभग 258.07 लाख किलो लीटर जल सिंचाई और लगभग 28.02 लाख किलो लीटर खान जल घरेलू उपयोग हेतु उपलब्ध कराया गया। इस वर्ष कम्पनी ने 365 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में रिकार्ड 8 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया।वर्ष 2022-23 में पहली बार एसईसीएल द्वारा 3 खदानों को एमडीओ मोड पर संचालित करने के लिए एलओए जारी किया गया। कम्पनी की 6 परियोजनाओं में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए पर्यावरण स्वीकृति हासिल की गयी जिससे सालाना 9 मिलियन टन से अधिक उत्पादन क्षमता का विस्तार हुआ है। कम्पनी ने रामपुर-बटुरा परियोजना की शुरूआत की वहीं आमाडाण्ड, अमगांव, राजनगर ओसी जैसे बंद परियोजनाओं को पुनः शुरू किया गया।एसईसीएल द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में अभूतपूर्व प्रदर्शन पर सीएमडी एसईसीएल डा. प्रेम सागर मिश्रा ने विभिन्न अंशधारक, केन्द्र सरकार, संबंधित राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन एवं उनकी विभिन्न एजेंसियों, कोलइण्डिया लिमिटेड, खान सुरक्षा महानिदेशालय, पर्यावरण विभाग, रेलवे, एसईसीएल बोर्ड आफ डायरेक्टर्स, एसईसीएल संचालन समिति, कल्याण मण्डल, सुरक्षा समिति समस्त काऊन्सिल व एसोसिएशन के पदाधिकारियों, अधिकारियों व कर्मचारियों आदि के प्रति सतत सहयोग के लिए आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर निदेशक तकनीकी (संचालन) श्री एस.के. पाल, निदेशक (वित्त) श्री श्रीनिवासन, निदेशक (योजना/परियोजना) श्री एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) श्री देबाशीष आचार्या की उपस्थिति रही। सीएमडी एसईसीएल ने अपना वक्तव्य कविता की इन पंक्तियों के जरिए समाप्त किया-“ हमारे सपने भी बड़े हैं, सफर भी जारी हैलेकिन ना मुश्किलों की फिक्र करेंगेऔर ना ही जीत का जिक्र करेंगेक्यो \ क्यूँकि, सपने बड़े हैं और सफर जारी है……’’

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!