बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की निलंबित IAS रानू साहू की जमानतअर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद रानू साहू को फिलहाल जेल में रहना पड़ेगा। बीते सात जनवरी को मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर गुरुवार को आर्डर किया गया है।IAS रानू साहू कोल घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। इससे पहले लोअर कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान ED के वकील ने कुछ और तथ्य रखने की बात कही थी। इसके बाद 8 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय की गई गई थी। रानू साहू को ED ने 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि कोयला मामले को लेकर साल 2022 में आयकर विभाग ने सबसे पहले रानू साहू के शासकीय निवास, घर और दफ्तर में छापा मारा था। जिसके बाद ईडी ने इस मामले में रानू के घर छापा मारते हुए लंबे समय से पूछताछ के लिए बुला रही है। ईडी ने कथित कोल घोटाले को लेकर रानू साहू पर यह आरोप लगया कि निलंबित IAS रानू साहू के द्वारा कोरबा कलेक्टर रहते हुए कोल लेवी मामले में संलिप्तता पाई गई थी।
क्या है कोयला लेवी घोटाला?
छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
दिनभर
पिछले साल अक्तूबर में ईडी ने छत्तीसगढ़ में कई अफसरों और कारोबारियों के घर-दफ़्तर पर छापामारी की थी और आरोप लगाया था कि राज्य में एक संगठित गिरोह कोयला परिवहन में 25 रुपए प्रति टन की वसूली कर रहा है.
ईडी के दस्तावेज़ों की मानें तो 15 जुलाई 2020 को इसके लिए सरकारी अधिकारियों ने एक सोची-समझी नीति के तहत आदेश जारी किया और उसके बाद ही अवैध वसूली का सिलसिला शुरू हुआ.
अब तक ऑनलाइन ‘डिलिवरी ऑर्डर’ जारी करने के बजाय ‘सर्वर में गड़बड़ी’ का हवाला देकर, खनिज अधिकारी की ओर से ऑफ़लाइन आदेश जारी किया जाने लगा.
परिवहन करने वाले वाहन को तब तक खनिज अधिकारी की ओर से ‘डिलिवरी ऑर्डर’ नहीं दिया जाता, जब तक वह इस रक़म को न चुका दे.
ईडी के अनुसार, इस घोटाले में कई कारोबारी, कांग्रेस पार्टी के नेता और अफ़सर शामिल थे और उन्होंने अब तक इस तरीक़े से 540 करोड़ रुपए से अधिक की रक़म अवैध तरीक़े से वसूली की.
अदालत में प्रस्तुत दस्तावेज़ों में ईडी ने दावा किया है कि उसने इस संबंध में बड़ी संख्या में डायरी, फ़ोन चैट, लेन-देन के सबूत, करोड़ों रुपए नक़द, सोना, अरबों रुपए की संपत्ति के ब्यौरे और दूसरे दस्तावेज़ जब्त किए.
इसके अलावा उसने अभियुक्त कारोबारियों, अफ़सरों और नेताओं की 200 करोड़ रुपए से अधिक की कथित अवैध संपत्ति भी अटैच की है.
इसके अलावा भी ईडी छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के कथित शराब घोटाला और ज़िला ख़निज फ़ाउंडेशन के अरबों रुपए के कथित घोटाले की भी जाँच कर रही है.
हालाँकि आईएएस अधिकारी और कृषि विभाग की संचालक रानू साहू की ताज़ा गिरफ़्तारी में कथित कोयला घोटाले को आधार बताया गया है लेकिन ईडी के अधिकारियों का कहना है कि दूसरे मामलों में भी रानू साहू की संलिप्तता की जाँच की जा रही है.