छत्तीसगढ़/कोरबा :-कोरबा जिले में भारत सरकार के आदेशों का पालन कराने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है उन्ही अधिकारियों के नाक के नीचे सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही है मिट्टी का खनन रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी सरकारी योजनाओं में फ्लाई ऐश से बनी ईटों का इस्तेमाल करने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आपत्ति जताने के बाद भारत सरकार ने लाल ईंटों का सरकारी भवनों में प्रयोग पर रोक लगा दी गई थी और पूर्व में रहे कोरबा कलेक्टर रजत कुमार ने कोरबा जिले में इसका कड़ाई से पालन कराते हुए कई लाल ईंट से निर्माण हो रहे भवनों पर कार्यवाही भी की थी इसके बाद यह कार्रवाई अन्य कलेक्टर द्वारा भी जारी रखी गई लेकिन वर्तमान में भारत सरकार के आदेशों का कोरबा जिले में अधिकारियों के नाक के नीचे धज्जियां उड़ाई जा रही है आदेशों का पालन कराने वाले ही आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं जिले के कोरबा तहसील कार्यालय में लाल ईद से भवन का निर्माण किया जा रहा है ऐसा नहीं कि अधिकारियों की नजर न पड़े खुद कोरबा एसडीएम और तहसीलदार साहब का यहां बैठना होता है विभिन्न मामलों में इसी कार्यालय से कार्यवाही या होती है बावजूद इसके इन जिम्मेदार अधिकारियों के नाक के नीचे नियम विरुद्ध काम को अंजाम दिया जा रहा है जबकि एनजीटी का भी सख्त निर्देश है कि औद्योगिक उपक्रमों से निकलने वाली राख की शत-प्रतिशत उपयोगिता की जाए और इसके लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों का जिम्मेदार अधिकारी कड़ाई से पालन कराएं और राख की उपयोगिता पर जोर दें लेकिन कोरबा जिले में राख की उपयोगिता गलत ढंग से कहीं पर भी फेंकने पर की जा रही है और इस पर जिम्मेदार अधिकारी अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं/
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