WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
WhatsApp Image 2024-10-29 at 11.41.54 AM
छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तसीगढ़ राज्य महिला आयोग का पिछला एक साल का रिपोर्ट कार्ड उपलब्धियों से भरा रहा

Spread the love

साढ़े छः माह में छत्तीसगढ़ में 62 जन-सुनवाई में 1 हजार 401 मामलों की सुनवाई में 34.4 प्रतिशत मामले पूरी तरह नस्तीबद्ध

डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में विगत एक साल में 410 मामलों का निराकरण

रायपुर 05 अगस्त 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद आयोग में काम करने का अवसर अगस्त माह के शुरूआत में मिला।पूरे एक साल के कार्यकाल में 3 बार के लॉकडाउन में कुल साढ़े पांच माह का लॉकडाउन रहा। कोरोना संक्रमण के दिशा-निर्देशों के तहत इस अवधि में जन-सुनवाई नहीं हो सकी। इस प्रकार कुल साढ़े पांच माह की अवधि ऐसी थी जिसमें पीड़ितों से मिला तो जाता था, लेकिन जन सुनवाई करने के लिए राज्य और केन्द्र शासन की तरफ से प्रतिबंध था। इस तरह आयोग को अपने एक साल के कार्यकाल में महज साढ़े छः माह ही अधिकारिक कार्य करने का अवसर मिला। लॉकडाउन के दौरान पीड़ित महिलाओं के लिये टेलीफोनिक माध्यम से उनके मामलों में राहत पहुंचाई गई और अखबारों, समाचारों के माध्यम से स्वतः संज्ञान लेकर भी कई मामलों में कार्यवाही किया गया।
   अध्यक्ष ने इस एक साल में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ का सघन दौरा किया और प्रत्येक जिले में जन सुनवाई भी किया। इस प्रकार कुल साढ़े छः माह में, 26 जिलों में, कुल 62 जन सुनवाईयां किया गया जिसमें एक हजार 401 प्रकरणों की सुनवाई की जा चुकी है। इनमें से कुल 410 प्रकरणों (34.4 प्रतिशत) को अंतिम सुनवाई कर पूर्णतः निराकृत कर नस्तीबद्ध किया जा चुका है। कई मामलों में उभय पक्षों के बीच समझौता करवाकर आयोग द्वारा उनके सुखी गृहस्थ जीवन की पुनः शुरूआत का प्रयास किया गया। कई प्रकरणों में आयोग की ओर से दोनों पक्षों की निगरानी भी किया जा रहा है। 
ज्ञात हो आयोग में अध्यक्ष डॉ. नायक के कार्यभार ग्रहण करने के समय 582 मामले पूर्व से लंबित थे। इन प्रकरणों में अध्यक्ष द्वारा तीव्र गति से नियमित एवं लगातार जन सुनवाई किये जाने से महिलाओं का विश्वास महिला आयोग के प्रति बढ़ा, और न्यायालय में अपना प्रकरण ले जाने के स्थान पर, पीड़ित महिलाओं ने आयोग को ज्यादा महत्व दिया,क्योंकि यहां पर महिलाओं को किसी भी प्रकार की राशि व्यय नहीं करनी पड़ती और न ही वकील की जरूरत पड़ती है, और बिना किसी परेशानी के उनके समस्याओं का वैधानिक समाधान भी आयोग में किया जा रहा है। 

महिला आयोग के साढ़े छः माह के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां में छत्तीसगढ़ सरकार के 2 साल बेमिसाल के अवसर पर 17 दिसंबर 2020 को बी.टी.आई ग्राउंड में एक विशालकाय रंगोली का निर्माण कराया गया था। यह कुल 9 हज़ार100 वर्ग फीट की रंगोली में 132 वर्ग फीट में मुख्यमंत्री के पोस्टर रूपी रंगोली बनाई गई थी। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया और राज्य महिला आयोग को इस आशय का प्रमाण पत्र भी जारी किया।इसी तरह 31जनवरी 2021 को राष्ट्रीय महिला आयोग ने पूरे भारत के सभी राज्य महिला आयोग की अध्यक्षों की बैठक में सभी से यह पूछा था कि कोरोना काल में सभी आयोगों ने क्या-क्या काम किये ? इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने अपने जन सुनवाई के आंकड़ों के दस्तावेज प्रस्तुत किया था। जिस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने सबके समक्ष छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सराहना किया और उन कार्यों के लिये अवॉर्ड से सम्मानित भी किया।अन्य राज्य के महिला अध्यक्षों को छत्तीसगढ़ में किये जा रहे जन सुनवाई से सीख लेने की हिदायत भी दी गई।
ज्ञात हो पूर्व में राज्य महिला आयोग का कार्यालय किराये के भवन में संचालित हो रहा था जिसमें प्रतिमाह 50 हजार रूपये का व्यय आता था। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को देकर किराये की राशि की बचत करने और खाली पड़े शासकीय भवन का उपयोग करने के संबंध में चर्चा किये जाने पर मुख्यमंत्री ने शहर के ह्नदयस्थल शास्त्री चौक में महिला आयोग को सरकारी भवन आबंटित कराया। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री के करकमलों से 01मार्च 2021 को सम्पन्न हुआ। शहर के बीचोबीच शासकीय भवन में आने से आयोग के कार्यों के निष्पादन में भी तेजी आई है। इससे शासन का प्रतिवर्ष छः लाख रूपये का बचत भी किया। राज्य महिला आयोग के सहयोग से 27 फरवरी 2021 को महिला बाल विकास विभाग के द्वारा कराये जा रहे सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पूरे छत्तीसगढ़ के 3 हज़ार 229 जोड़ों के सामूहिक विवाह की वर्चुअल उपस्थिति थी। जिसे पुनः गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने विश्व रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया। 8 मार्च 2021 को महिला दिवस के अवसर पर लॉकडाउन के दौरान पीड़ित महिलाओं को आयोग तक शिकायत आवेदन भेजने और सुनवाई में होने वाली परेशानियों का सरलीकरण करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में व्हाटसपएप कॉल सेंटर के शुरूआत करने का निश्चय किया गया।इस हेतु सारी प्रक्रिया पूर्ण किया जाकर व्हाटसएप कॉल हेतु नं. 90983-82225 लिया गया। इसका शुभारंभ एवं घोषणा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के करकमलों से किया गया।
मुख्यमंत्री ने महिला आयोग के कार्यों को तेज गति से करने के लिये हर तरह की प्रशासनिक सहयोग देकर महिला आयोग को पूरे देश में सबसे सशक्त आयोग बनाने में अपना विशेष सहयोग एवं आर्शीवाद प्रदान किया।
राज्य महिला आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा दिये गये कार्यक्रम में महिला दिवस का कार्यक्रम बिलकुल ही नये तरीके से मनाया और मेंन फ़ॉर वोमेन कार्यक्रम की थीम पर महिला दिवस का कार्यक्रम में सभी वक्ता पुरूष थे। जिन्होंने अपने जीवन में महिलाओं की भूमिका और महिलाओं के बिना जीवन को असंभव बताया।इन वक्तागणो में प्रदेश के प्रमुख व्यक्ति महाधिवक्ता श्री सतीश चंद्र वर्मा, डीजीपी श्री डी एम अवस्थी, शिक्षाविद जवाहर शूरी शेट्टी और डॉ. देवेन्द्र नायक शामिल थे।इन सभी के वक्तव्यों से अन्य पुरूषों को भी यह मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली की हमेशा महिलाओं के प्रति सम्मानजनक प्रेरणा रखनी चाहिये।

महिला आयोग द्वारा लिये गये प्रमुख निर्णय

इस एक साल के कार्यकाल में आयोग द्वारा कुछ प्रमुख निर्णय लिए जिसमे बस्तर की 71 बेटियों को एन एम डी सी ने नौकरी नहीं दिया था, आयोग की सुनवाई के बाद 61 बेटियों को नौकरी मिलना सुनिश्चित हुआ।कोरिया के अपर कलेक्टर के खिलाफ निर्णय लिये गये।अम्बिकापुर में सखी सेंटर की प्रशासिका को हटाया गया।भरण-पोषण के कई मामलों में तीन हजार, सात हजार, दस हजार, चौबीस हजार, पचास हजार, और एक लाख रूपये प्रतिमाह भरण-पोषण के निर्णय लिये गये।शादी का सामान वापसी कई मामलों में कराया गया।बुजुर्ग महिलाओं की सम्पत्ति दिलाने और अभद्र व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की गयी।इसी तरह 11 वर्ष पुराने मामलें में अनुकंपा नियुक्ति दिलाई गई।दो मामलों में डी एन ए टेस्ट का आदेश दिया गया। एक मामले में नार्को टेस्ट का आदेश भी दिया गया और एक मामले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट को घटनास्थल की जांच करने के निर्देश दिये गए है।
इस दौरान पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर कई मामलों में कड़ी कार्यवाही किया गया।जगदलपुर में एक ही दिन में 98 मामलों की सुनवाई करने का रिकॉर्ड भी बना।यह उदाहरण साल भर के निर्णयों में से कुछ प्रमुख मामलों के है।जिससे यह पता चलता है कि आयोग ने महिलाओं से संबंधित हर प्रकार के मामलों में अपनी कार्यवाही किया है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!