इन 5 VIP सीटों पर कांटे की टक्कर मुख्यमंत्री की सीट के लिए बघेल V/S बघेल का होगा मुकाबला;
छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बजने के बाद चुनाव तारीख (17 नवंबर) से 32 दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने कैंडिडेट के नाम की घोषणा की। लोगों के काफी समय से इसका इंतजार के बाद आखिरकार सूची जारी कर दी गई। कैंडिडेट के नाम की घोषणा होने के साथ ही उनके विरोधियों की भी बातें होने लगी है। जानिए प्रदेश की वो 5 सीटें जहां से बीजेपी कांग्रेस में होगी जबरदस्त टक्कर। कहीं सीएम तो कहीं मंत्री है
छत्तसीगढ़ विधानसभा चुनाव पाटन विधानसभा चुनाव से बीजेपी ने पहली सूची में ही भूपेश बघेल के भतीजे विजय बघेल को टिकट दे दिया है। अब आज जारी हुई कांग्रेस की लिस्ट में पार्टी ने सीएम भूपेश बघेल को यहां से अपना कैंडिडेट बनाया है। इस लिस्ट के आते ही चाचा VS भतीजा हो गया है। इस सीट पर मुकाबला कांटे की टक्कर वाला होगा क्योंकि दोनों ही नेता एक दूसरे को एक-एक बार पटकनी दे चुके हैं। पिछली बार बीजेपी ने यहां से विजय बघेल को टिकट ना देकर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली थी। पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
कांग्रेस ने राजनांदगांव में गिरीश देवांगन को बीजेपी कैंडिडेट डॉ रमन सिंह के खिलाफ प्रत्याशी बनाया गया है। अपना नाम घोषित होने पर छत्तीसगढ़ महतारी का आशीर्वाद बताया। अपनी जीत पर 100 फीसदी जीत का दावा करते हुए बोले कि राजनांदगांव की जनता एक ही चेहरे को देख के ऊब गई है। कांग्रेस का यह चौंकाने वाला फैसला है।
बस्तर जिले के दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू पर भरोसा जताया है। पिछले चुनाव में वह भाजपा के जागेश्वर से हुआ था। जिसमें उनमें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि इस बार उनका मुकाबला ललित चंद्राकर से होगा। देखना होगा इस बार किसका पड़ला पड़ेगा भारी।
जहां बीजेपी ने बिरनपुर हिंसा में मृतक बेटे भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने उनके खिलाफ रवींद्र चौबे को उतारा है। फिलहाल रवींद्र चौबे यहां से बघेल केबिनेट में मंत्री भी है। अब देखना होगा की ईश्वर साहू क्या मंत्री को टक्कर दे पाएंगे। साजा सीट पर मुकाबला रोचक होगा।
छत्तीसगढ़ की सीट पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का मुकाबला बीजेपी के विनायक गोयल से होगा। बीजेपी के ये प्रत्याशी कुछ दिन पहले ही अभी युवक को गालियां देने वाला आडियो वायरल हुआ था जिसके बाद चर्चा में आए थे। अब देखना होगा की चुनाव में इसका क्या असर होगा। वहीं, क्या वों पीसीसी अध्यक्ष को टक्कर दे पाएंगे की नहीं यह देखना भी रोचक होगा।