युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए तेज होगा अभियान, विश्व बैंक की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने बनाया एक्शन प्लान
नई दिल्ली। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार भले ही पिछले दस सालों से स्किल इंडिया नाम से देश में एक बड़ा अभियान छेड़े हुए है, जिसमें युवाओं को बड़े पैमाने पर हुनरमंद बनाने के दावे भी है, लेकिन हकीकत यह है कि देश में जिस क्षेत्रों में युवाओं की मांग है, उस क्षेत्र में उन्हें स्किल ही नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हुनरमंद होने के बाद भी उन्हें काम नहीं मिल रहा है।
विश्व बैंक की ओर से मांग और स्किलिंग के बीच इस अंतर का खुलासा किए जाने के बाद शिक्षा और श्रम मंत्रालय अब स्किलिंग के पैटर्न में बड़े बदलाव की तैयारी में है, जिसमें प्रत्येक राज्य और जिले की जरूरत को देखकर वहां के युवाओं की स्किलिंग की जाएगी। ‘नौकरी आपके द्वार’ नाम से विश्व बैंक की ओर से जारी यह रिपोर्ट वैसे तो सरकार की पोल खोलने वाली है, लेकिन इसके बाद भी शिक्षा और श्रम मंत्रालय ने रिपोर्ट के आधार पर आगे बढ़ने के संकेत दिए है।
मंत्रालय से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो जल्द ही वह देश के प्रत्येक जिलों से रोजगार वाले प्रमुख क्षेत्रों की पहचान, उनकी मांग व उससे जुड़ी शिक्षा देने की दिशा में काम करेगा। यह अभियान स्कूलों से ही शुरु होगा। जहां छठवीं कक्षा से छात्रों को अब अनिवार्य रूप से किसी न किसी स्किल की शिक्षा जरूर दी जाएगी। इनमें नौवीं से बारहवीं कक्षा के स्तर पर इसे प्रमुखता से पढ़ाया जाएगा। योजना के मुताबिक शुरूआत में इसे प्रत्येक जिले के कम से कम 30 प्रतिशत सेकेंडरी स्कूलों को लागू किया जाएगा। जहां उस क्षेत्र की मांग के जुड़े कम से कम दो क्षेत्रों में स्किलिंग कराई जा सके। बाद में इसे बढ़ाकर पांच क्षेत्रों तक भी विस्तार दिया जाएगा।
- मौजूदा समय में सालाना स्किलिंग क्षमता- आईटी सेक्टर में करीब दस हजार, हेल्थकेयर में चार हजार, पर्यटन और होटल क्षेत्र में करीब चार हजार, कृषि क्षेत्र में तीन हजार, रिटेल में ढाई हजार, टेलीकाम में 17 सौ।
- रोजगार मांग और स्किलिंग की स्थिति: खाद्य उत्पादन, बागबानी, डेयरी, मत्स्य पालन,बैंकिंग-फाइनेंस, इंश्योरेंस, ब्यूटी, बागबानी, पर्यटन, हेल्थकेयर क्षेत्रों में आदि सर्वाधिक रोजगार की मांग है, जबकि इनमें से बागबानी, पर्यटन, हेल्थकेयर में ही स्किलिंग की सुविधा है। बाकी क्षेत्रों में स्किलिंग की सुविधा या तो नहीं या बिल्कुल कम है।