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छत्तीसगढ़

CG Crime : जीपीएम में साइबर गिरोह का पर्दाफाश, म्यूल अकाउंट के जरिए 50 लाख की ठगी का खुलासा

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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। साइबर सेल और पेंड्रा-गौरेला पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए चार म्यूल अकाउंट होल्डर्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ये आरोपी कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड और चेकबुक साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराते थे। इन खातों से लगभग 50 लाख रुपये की संदिग्ध ट्रांजेक्शन के साक्ष्य मिले हैं।

I4C पोर्टल से मिली जानकारी, पुलिस ने दबोचा

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही पुलिस को I4C के राष्ट्रीय पोर्टल “SAMANVAYA” से साइबर ठगी में उपयोग हो रहे खातों की जानकारी मिली थी। इसके बाद बिलासपुर रेंज आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और एसपी भावना गुप्ता के निर्देशन में पुलिस टीम का गठन कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान संदिग्ध बैंक खातों की पहचान कर आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हैं आरोपी

पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपियों के कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों से संबंध पाए गए हैं। ये गिरोह बिटकॉइन के माध्यम से भी संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में शामिल था। आरोपियों ने स्थानीय युवाओं को भी कमीशन का लालच देकर करीब दो दर्जन बैंक खाते ठग गिरोहों को सौंपे थे।

विदेशी लिंक और बड़े नेटवर्क से कनेक्शन

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी कुछ विदेशी नागरिकों के साथ भी जुड़े हुए थे और अवैध रूप से बिटकॉइन के जरिए संदिग्ध ट्रांजेक्शन कर रहे थे। इनके पास से असम और गोवा में सक्रिय मनी म्यूल नेटवर्क से जुड़े होने के प्रमाण भी मिले हैं। मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए गए हैं, जिनकी तकनीकी जांच जारी है।

गिरफ्तार आरोपी

  1. आशीष रजक (ज्योतिपुर, गौरेला)
  2. अभिषेक शुक्ला (गौरेला)
  3. करण कुमार साहू (पेंड्रा)
  4. संतोष साहू (पेंड्रा)

इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 317(2), 317(4), 314, 61(1)(2) और 112 के तहत संगठित अपराध, ठगी से अर्जित संपत्ति के दुरुपयोग और अन्य साइबर अपराधों में मामला दर्ज किया गया है।

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