*विश्व प्रसिद्ध नाड़ी परीक्षा विशेषज्ञ नाड़ीवैद्य डॉ.लोकेश राटुरी व मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. निशा मणिकंटन ने दिया प्रशिक्षण।*
फोटो- डॉ. नागेंद्र शर्मा को नाड़ी परीक्षा का प्रशिक्षण देते नाड़ीवैद्य डॉ.लोकेश राटुरी एवं डॉ.शुभप्रदा।
Chattisgarh Korba —-पूरे विश्व में आर्ट ऑफ लिविंग के नाड़ी परीक्षा विशेषज्ञ एवं मर्म विशेषज्ञ चिकित्सकों का अपना विशेष स्थान है। जिसके लिये संस्थान द्वारा समय समय पर आयुर्वेद चिकित्सकों के लिये विशेष प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें प्रशिक्षित कर स्वास्थ्य के क्षेत्र महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में अंचल के सुप्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा ने कर्नाटक के बैंगलोर में नाड़ी परीक्षा एवं मर्म चिकित्सा का विशेष प्रशिक्षण लिया। डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा ने कहा की नाड़ी परीक्षा नाड़ी के माध्यम से निदान की प्राचीन आयुर्वेदिक तकनीक है। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक असंतुलन के साथ-साथ बीमारियों का भी सटीक निदान कर सकता है। यह एक गैर-आक्रामक विज्ञान है। जो स्वास्थ्य संबंधित मूल कारण तक पहुंचने में सक्षम बनाता है, न कि केवल लक्षणों की पहचान करता है। नाड़ी परीक्षा रेडियल धमनी पर विभिन्न स्तरों पर नाड़ी की कंपन आवृत्ति को समझती है। सूक्ष्म स्पंदनों को सात अलग-अलग स्तरों पर लंबवत नीचे की ओर पढ़ा जाता है जो शरीर में विभिन्न कार्यों का पता लगाने में मदद करते हैं। जब नाड़ी की जांच की जाती है, तो रोगी की शारीरिक और मानसिक दोनों विशेषताओं का पता चलता है। इसकी व्याख्या उनके पूर्वानुमान के साथ लक्षणों के रूप में की जाती है, जो कारण को समझने में सहायता करती है। इस प्रकार, नाडी परीक्षा किसी व्यक्ति में किसी भी बीमारी को दूर करने का आधार बनती है। जिसका सूक्ष्म ज्ञान बहुत ही सरल और सहज ढंग से आर्ट ऑफ लिविंग के विश्व प्रसिद्ध नाड़ी परीक्षा विशेषज्ञ नाड़ीवैद्य डॉ.लोकेश राटुरी ने उसकी बारीकियों को समझाते हुये व्यक्तिगत एवं प्रायोगिक रूप से दिया। साथ ही मर्म चिकित्सा का विशेष व्यक्तिगत प्रायोगिक प्रशिक्षण डॉ. निशा मणिकंटन ने सूक्ष्म विशेषताओं को बताते हुये सविस्तार मार्गदर्शन दिया। श्री श्री तत्व की अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञा नाड़ीवैद्य डॉ.शुभप्रदा ने शास्त्रोक्त, प्रोपराइटरी एवं एकल औषधियों की उपयोगिता एवं उनके शरीर पर शारीरिक तथा मानसिक क्रियाविधि के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ. श्वेता कोठारी, डॉ.सारीका, बिंदु, साधना, श्रीहरि, विजय कुमार,असीम विश्वास एवं आकांक्षा बाजपेयी ने भी प्रशिक्षण से संबंधित विषय पर व्याख्यान दिया तथा सुदर्शन क्रिया,योग एवं ध्यान का अभ्यास कराया। डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा ने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकरजी का विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ है, जिससे शरीर में एक विशेष अलौकिक ऊर्जा के संचरण का आभास होता है। डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा ने कहा की गुरुजी के आशीर्वाद से एवं प्रशिक्षण उपरांत प्राप्त ज्ञान से अब वे और अधिक बेहतर ढंग से अंचलवासियों की सेवा कर सकेंगे।