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छत्तीसगढ़

कोरबा: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेदभाव उजागर, एमडी पैथोलॉजिस्ट से कराई जा रही इमरजेंसी ड्यूटी!

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कोरबा: कोरबा के स्व. बिसाहू दास स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल में प्रशासनिक भेदभाव और अव्यवस्था का एक और मामला सामने आया है। आरोप है कि जिला अस्पताल के स्टाफ को अधिग्रहण के बाद से दोहरी जिम्मेदारी और अनियमित ड्यूटी शेड्यूल झेलना पड़ रहा है, जबकि मेडिकल कॉलेज के HOD और रेजिडेंट डॉक्टर आरामदेह ड्यूटी कर रहे हैं।

ताजा मामला डॉ. रविकांत राठौर का है, जो हाल ही में एमडी पैथोलॉजी की पढ़ाई पूरी कर लौटे हैं। उन्हें पैथोलॉजी विभाग की जिम्मेदारी देने के बजाय आपातकालीन सेवाओं में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर ड्यूटी करने का आदेश दिया गया है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि एक विशेषज्ञ पैथोलॉजिस्ट से इमरजेंसी ड्यूटी क्यों कराई जा रही है, जबकि उनकी विशेषज्ञता लैब संबंधी विश्लेषण में है।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. राठौर चूंकि जिला अस्पताल के स्टाफ हैं, इसलिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उनसे मनमाने तरीके से अतिरिक्त ड्यूटी करवा रहा है। वहीं, मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को ऐसी अतिरिक्त जिम्मेदारियों से मुक्त रखा जाता है। अधिग्रहण के बाद से ही जिला अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर अतिरिक्त ओपीडी, कोविड ड्यूटी और आपातकालीन सेवाओं की जिम्मेदारी डाली जाती रही है।

इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। स्वास्थ्य जानकारों का कहना है कि यह भेदभाव नियम विरुद्ध और मरीजों के हित के विपरीत है। उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन को डॉक्टर की विशेषज्ञता के अनुसार जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए और उचित ड्यूटी वितरण सुनिश्चित करना चाहिए। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह घटना स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है, जिसका असर डॉक्टरों और मरीजों दोनों पर पड़ सकता है।

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