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छत्तीसगढ़

ग्राम पंचायत चैतमा: तीन महीने बाद भी जांच अधूरी, कार्यवाही पर सवाल, पाली जनपद पंचायत के बड़े गांव में सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप

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कोरबा जिले की जनपद पंचायत पाली के अंतर्गत ग्राम पंचायत चैतमा में सरपंच और सचिव के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायतकर्ता ने जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की थी, जिसके बाद 18 अक्टूबर 2024 को जांच दल ने पंचायत का निरीक्षण किया। लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होना प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।

क्या हैं आरोप?

ग्राम पंचायत चैतमा के सरपंच और सचिव पर कई प्रकार की अनियमितताओं के आरोप हैं:

1. प्रस्ताव रजिस्टर बंद नहीं करना: सचिव जानबूझकर प्रस्ताव रजिस्टर को बंद नहीं करता था।

2. प्रस्ताव में हेरफेर: उपसरपंच के दबाव में रजिस्टर बंद न होने से बाद में फर्जी प्रस्ताव जोड़कर धन निकासी की गई।

3. डीएससी का दुरुपयोग: सरपंच का डिजिटल सिग्नेचर (DSC) सचिव ने अपने पास रखा, जिससे बिना अनुमति के वित्तीय लेनदेन किए गए।

 

इन सभी आरोपों को लेकर ग्रामीणों ने जांच की मांग की थी, लेकिन तीन महीने बाद भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

कार्रवाई में देरी पर सवाल

जांच दल के निरीक्षण के बाद से अब तक कोई निर्णय न लिया जाना संदेह को जन्म देता है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं या आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि कार्रवाई टाली जा सके।

मुख्यमंत्री जनदर्शन में उठेगा मामला?

शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि जल्द ही मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो इसे मुख्यमंत्री जनदर्शन में उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ की घोषणा के बावजूद इस मामले में देरी उनकी नीतियों को कमजोर करती है।

क्या है प्रशासन की मंशा?

चैतमा पंचायत में हुई जांच और उस पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह देरी न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर जनता का विश्वास भी कमजोर करती है।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने अधिकारियों से अपील की है कि वे इस मामले में तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई करें। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो यह मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम पर भी सवाल खड़ा करेगा।

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