छठ पूजा से कैसे बिगड रहा चुनाव का समीकरण रायपुर, बिलासपुर और राजस्थान में
देवउठनी एकादशी के कारण राजस्थान में चुनाव की तारीखें आगे बढ़ीं,तब छत्तीसगढ़ में भी तब छत्तीसगढ़ में भी नेताओं को याद आया कि दूसरे दौर में 90 में से 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होना है और इस साल छठ पूजा 17 नवंबर से 19 नवंबर की तारीख़ में ही है
दुर्ग से लेकर रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा के लाखों मतदाता ऐसे है जो हर साल छठ पूजा के लिए बिहार यूपी चले जाते हैं छठ पूजा में ऐसी आस्था रखने वालों की वजह से बुपेश सरकार ने छठ पूजा के दिन सार्वजनिक अवकाश देने की परंपरा को लागू किया है अब जब छठ पूजा की तारीख चुनाव के आस पास तकरा अगर चुनाव होता तो तारीख पर होता है तो किस पार्टी को कितने वोट मिलेंगे या कोन सी पार्टी चुनाव जीतेगी
बीजेपी और अडानी ग्रुप को ले कर कांग्रेस पिछले कुछ सालो से ले कर हमलावार रही है गुरु वार को रायपुर में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपनी पार्टी का पहला मौका को ले कर ही निकाला है [पोस्टर पर लिखा है कमल का बटन दबाओगे तो बीवी के पेट से अडानी निकलेगा कमल खेड़ा ने कहा कि बाजपा की सबसे पहली प्रथमिकता अडानी है असल में कांग्रेस पार्टी के साथ अडानी के रिश्ते काफी अच्छे हैं सीजी में कांग्रेस की तरफ से ही अडानी सरकार को हसदेव खदानें दी गई थीं जो 2018 में सीजी में हसदेव खानदान की सोगत सीजी को दी गई थी
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