छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पावर प्लांटों की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है जहां स्थानीय लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है खुले में फेंकी जा रही जहरीली राख हवा के जरिए लोगों के सांसो में पहुंचकर कर तरह की बीमारियों को आमंत्रण दे रही हैं
आपको बता दें कि पावर प्लांट से निकलने वाली राख में हेवी मेटल होते हैं जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत ही गंभीर बीमारियों के कारक होते हैं बावजूद इसके एनजीटी के गाइडलाइन और कड़े निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए जिले में बेखोफ जगह-जगह राखड़ को डंप किया जा रहा है
तो वहीं प्राकृतिक नदी नालों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है जिले के बालको क्षेत्र के डेंगू नाला जो कि कभी स्थानीय लोगों के निस्तारित का साधन था और जिसमें बिहार संस्कृति आस्था के प्रतीक सूर्य उपासना की छठ पूजा प्रतिवर्ष की जाती है जिसमें जिले के विधायक, मंत्री सहित जिले की आम जनता पूजा-अर्चना में पहुंचते है और हर साल इसकी साफ सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं इसी डेंगू नाला के ऊपरी हिस्से की सरकारी जमीन में गगनचुंबी जहरीली राख के पहाड़ खड़े कर दिए गए हैं जो कि होने वाली बारिश में बहकर प्राकृतिक नाले के अस्तित्व को मिटा देगी तो वही निस्तारी कर रहे लोगों एवं जानवरों के लिए बीमारी का कारक भी बनेगी
डेंगू नाला से लगे लगभग 100 एकड़ की जमीन में अवैध रूप से राख की डंपिंग की जा रही है
थोड़ी सी हवा चलते ही राख पूरे शहर की हवा को अपने धुंध में समेट लेती है और जिले को प्रदूषित कर रही है वही संबंधित पावर प्लांट एवं प्रशासनिक अधिकारी लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होते देख रहे हैं और चुप्पी साधे हुए हैं बताया जा रहा है कि जिले में राखड़ के काम को अंजाम देने वाली ब्लेक स्मिथ कंपनी की मनमानी चरम शिखर पर है जोकि कहीं भी प्राकृतिक नदी नालो और सरकारी जमीनों पर राख को फेंक कर करोड़ों का खेल खेल रही है तो वहीं इसकी आड़ में भू माफियाओं द्वारा सरकारी जमीनों पर कब्जा भी किया जा रहा है