Netagi.in—-कोरबा। कार्यालयीन दिवस में लगातार बिना सूचना उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित रहना सौंपे गए विभागीय कार्य दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतना महिला एवं बाल विकास विभाग के लिपिक को भारी पड़ गया। डीपीओ ने उक्त घोर अनुशासनहीनता पर कार्यालय एकीकृत बाल विकास परियोजना बरपाली में पदस्थ एवं जिला कार्यालय में लेखा शाखा का प्रभार देख रहे लिपिक सहायक ग्रेड -1 अंगद प्रसाद पड़वार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है ।डीपीओ की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कम्प मच गया है।
गुरुवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि कार्यालय एकीकृत बाल विकास परियोजना बरपाली में पदस्थ एवं कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास कोरबा में लेखा शाखा प्रभार देख रहे सहायक ग्रेड -01 अंगद प्रसाद पड़वार दिनांक 3 अप्रैल ,1 मई ,8 मई ,9 मई,10 मई ,22 मई,29 मई,30 मई,31 मई 2023 एवं 6 जून ,20 जून,23 जून एवं 30 जून को अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए। इसके अतिरिक्त अन्य कार्यालयीन दिवस में उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर पंजी में हस्ताक्षर कर अनुपस्थित रहते थे। लिपिक श्री पड़वार द्वारा अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया। जिला कार्यालय के अधिकारी /कर्मचारियों का वेतन इनकम टैक्स एक्ट के प्रावधान अनुरूप जानकारी प्रस्तुत नहीं की जा रही है,एवं केशबुक संधारित नहीं किया गया है और न ही कार्यालय में उपस्थित होना पाया गया। लिपिक श्री पड़वार का यह कृत्य शासकीय कार्य में घोर लापरवाही तथा पदीय दायित्वों के प्रति कार्य विमुखता को दर्शाता है। जिला कार्यालय द्वारा दिनांक 17 फरवरी ,10 मार्च ,7 अप्रैल एवं 6 जून को कुल 4 कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिसमें से एक कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया गया कि भविष्य में पुनरावृति न हो परन्तु लिपिक श्री पड़वार के कार्य व्यवहार में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं आया। शेष 3 कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब भी नहीं दिया गया। उपरोक्त कृत्य को देखते हुए कार्यालय एकीकृत बाल विकास परियोजना बरपाली में पदस्थ एवं कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास कोरबा में लेखा शाखा प्रभार देख रहे सहायक ग्रेड -01 अंगद प्रसाद पड़वार को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील )नियम 1966 के नियम 9 (1) क के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा नियत किया गया है एवं निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। निलंबन अवधि का निराकरण विभागीय जांच के पश्चात किया जाएगा।
अमले की कमी से जूझ रहा विभाग, लिपिकों पर बढ़ रहा कार्यभार
निसंदेह लिपिक अंगद प्रसाद पड़वार पर कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही अनुशासनहीनता के मामले में की गई कार्रवाई जायज है लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले 4 वर्षों से लिपिक श्री पड़वार जिला कार्यालय में ही सेवाएं दे रहे थे। तत्कालीन डीपीओ उन्हें करतला से जिला कार्यालय में संलग्न कर विभागीय व्यवस्था के तहत कार्य ले रहे थे। जिला व परियोजना दोनों का कार्य देख रहे थे । उन्हें जिला कार्यालय के अतिरिक्त कार्यदायित्व से मुक्त नहीं किया जा रहा था। तमाम विभागीय योजनाओं के अलावा डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) से स्वीकृत मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के कार्यों का भी वर्क लोड विभाग में बढ़ने से लिपिकों के मध्य कार्य विभाजन व्यवस्था बिगड़ गई। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो श्री पड़वार लंबे अर्से से इन सब से नाराज से चल रहे थे। यही वजह है कि उन्होंने एक तरह से विभागीय कार्रवाई को न्यौता दिया था। बहरहाल श्री पड़वार से संपर्क नहीं हो पाया है जिससे उनका पक्ष नहीं आ सका है।