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Netagiri.in—(रेनू
जायसवाल–9827799070) छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले की एसईसीएल की कोयला खदानों में भारी तादाद में कोयले की अफरा तफरी करते हुए बड़े पैमाने पर कमीशन का खेल चल रहा है जिससे एसईसीएल को प्रतिदिन लाखो रुपए और महीने में करोड़ों की राजस्व हानि हो रही है वही संलिप्त एसईसीएल के अधिकारी इस कमीशन के खेल में प्रतिदिन लाखों रुपए अवैध रूप से अर्जित कर रहे हैं ।
सूचना प्राप्त सूत्रों के अनुसार पड़ताल करने पर पता चला कि एसईसीएल गेवरा मे -250 mm ग्रेट कोयले का स्टॉक ही नहीं है लेकिन अधिकारी -250 mm ग्रेट कोयले का डियो होल्डरों को स्टॉक मौजूद बताते हुए आक्शन कर रहे हैं लेकिन आक्शन होने के बाद उन्हें 100 MM ग्रेट कोयला दिया जा रहा है और उसके ऐवज में उनसे मोटी रकम अवैध तरीके से वसूली जा रही है,
बताया जा रहा है कि -250 mm कोयले का डिस्पैच ही नहीं है लेकिन आक्शन कर लिया गया है, बाद में डिवो होल्डरों को 100 MM कोयला दिया जा रहा है इस ऐवज मे अधिकारी 30- 40 रुपए प्रति टन डियो रिलीज करने के लिए लिया जा रहा है तब कोयला उठाने की अनुमति दी जाती है इस कोयले के काले कारोबार में जहां एसईसीएल को प्रतिदिन प्रति टन 200 से 300 रू का नुकसान हो रहा है ! वही संबंधित एसईसीएल के अधिकारियों की प्रतिदिन लाखों रुपए अवैध कमाई हो रही है ।
ट्रांसपोर्टरोंके पास मौजूद कांटा पर्ची जिसमें 250 का जिक्र लेकिन ट्रक में लोड कोयला माइनस 100mm
बताया जा रहा है कि एसईसीएल गेवरा , दीपिका और कुसमुंडा खदानों में लगभग 10–12 साल से पदस्थ डिस्पैच से संबंधित अधिकारीयों की मिली भगत और एसईसीएल के बड़े अधिकारियों के संरक्षण में यह पूरा भ्रष्टाचार हो रहा है इस अधिकारी का गेवरा एरिया से लेकर बिलासपुर मुख्यालय तक ऐसा सेटिंग है कि उसका ट्रांसफ़र किसी अन्य खदान में होता ही नहीं है । इस सभी कार्यों में माइनिंग जीएम भी पूर्ण रूप से जिम्मेदार है जिनके संरक्षण में यह कोयले के काले कारोबार का खेल हो रहा है,
जब हमने डिस्पैच इंचार्ज खुर्शीद साहब से इस विषय में जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट जीएम से मिलने को कहा, लेकिन वह खदान निरीक्षण में थे जिसके कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई । जब हमारी पड़ताल और आगे बढ़ी तो हमने पाया कि इसी प्रकार एसईसीएल दीपिका , कुसमुंडा में भी कोयले मे कमीशन का खेल चल रहा है, जहां- 250 mm डिस्पैच का कोयला बताते हुए 100 mm का कोयला दिया जा रहा था ।
मामले में ट्रांसपोर्टर कंपनियों के ड्राइवर के स्टिंग ऑपरेशन ने सारी सच्चाई सामने रख दी है कई ड्राइवरों की रोजी-रोटी का सवाल है जिसके चलते हम उसका वीडियो आपको नहीं दिखा सकते लेकिन सच्चाई यही है कि 250 की कांटा पर्ची में 100 एमएम का कोयला सप्लाई किया जा रहा है
-250 MM के कोयले का उत्पादन जून महीने से बंद
बता दे की बरसात के कारण -250 MM कोयला का उत्पादन जून महीने से बंद है जो ब्लास्टिंग कर उत्पादन किया जाता है जो एसईसीएल की मशीनरी के द्वारा अधिकारी कर्मचारियों के माध्यम से किया जाता है , लेकिन 100 mm कोयला का उत्पादन चालू है जो प्राइवेट कंपनियों के मशीनों के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन कोयले की डिमांड और वर्षा ऋतु के कारण संबंधित अधिकारी इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं, आक्शन -250 कोयले का दिखा रहे और दे रहे -100 mm का कोयला, बता दे कि -250 mm के कोयले से -100 mm कोयला 200 से 300 प्रति टन महंगा मिलता है। दस्तावेजों में कम रेट का कोयला सप्लाई कर महंगे कोयले को सप्लाई करके बदले में मोटी रकम कंपनियों से वसूली जा रही है सूत्रों की माने तो प्रति टन ₹300 राजस्व की हानि एसईसीएल को उनके कर्मवीर अधिकारी पहुंचा रहे हैं और 2.50 की कांटा पर्ची में 100 mm का कोयला सप्लाई कर कंपनियों से मोटी रकम कमीशन में प्राप्त कर अपनी जेब में भर रहे हैं
आने वाले समय में अगर इस मामले का खुलासा होता है तो कई बुद्धिजीवी इस भ्रष्टाचार में सीबीआई जांच की मांग कर सकते हैं जिसमें बहुत से बड़े अधिकारीयों पर गाज गिर सकती है और कोरबा जिले की खदानों में कई सालों से जमें कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के पास अवैध सम्पति एवं पैसा मिल सकता है । आपको बताना चाहेंगे कि कुछ दिन पहले ही हमारे न्यूज वेबसाइट netagiri.in में बहुत बड़े भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित की गई थी जिसमें कोल इंडिया के अनुषंगी कंपनी नॉर्दर्न कोल फील्ड्स (NCL )में कई करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है जिससे संबंधित अधिकारियों के पास 4 करोड़ नगद मिला था ।
गेवरा, दीपका, कुसमुंडा की खदानों से इन कंपनियों में जा रहा कोयला
आक्शन – 250 MM का और जा रहा 100 MM का कोयला जिसमें यह कंपनी शामिल प्रकाश इंडस्ट्रीज, एसीबी इंडिया लिमिटेड, आर्यन स्टील, सिंघल आलाप, ओराडी थर्मल सहित लगभग 100 कंपनियों के डिओ उठाने वाली कंपनी यहां काम कर रही है
मामले में क्या कहते हैं मुख्यालय में बैठे जनसंपर्क अधिकारी
मामले में जनसंपर्क अधिकारी मुख्यालय से फोन पर बात की गई क्योंकि मीडिया में किसी तरह का ऑफिशियल बयान देने का अधिकार सिर्फ उनको ही है ऐसे में जब फोन के माध्यम से जानकारी ली गई तो उनका स्पष्ट कहना था की खदानों में 250 कोयले का स्टॉक भरपूर है पूछने पर उन्होंने माइनस 250 का 24 लाख टन का स्टॉक बताया और माइनस 100 mm का 14लाख टन स्टाक होना बताया है लेकिन उनसे जब खदान में विजिट कराने और स्टॉक दिखाने की बात कही गई तो गोलमोल जवाब मिला है
खदानों में चल रहे इस बड़े भ्रष्टाचार पर netagiri.in में आने वाले दिनों में विभिन्न सबूतों के साथ होगा बड़ा खुलासा