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छत्तीसगढ़

तीन आरोपी गिरफ्तार, सुरेश चंद्राकर अब भी फरार: पत्रकार हत्याकांड में पुलिस का बड़ा खुलासा

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बीजापुर। पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन संदेहियों को पकड़ा है. इनमें रितेश चन्द्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया, वहीं अन्य संदेही सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया है. वहीं घटना के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर को पकड़ने के लिए पुलिस अलग-अलग टीम का गठन कर घेराबंदी करने में जुटी है.

बस्तर रेंज आईजी पी सुंदरराज ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि एक जनवरी की रात के लगभग 8.30 बजे से मुकेश चंद्राकर के घर से लापता होने पर उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने बीजापुर कोतवाली थाना में 2 जनवरी के गुम इंसान दर्ज कराया था. बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने एएसपी युलैंडन यार्क के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली बीजापुर निरीक्षक दुर्गेश शर्मा समेत अन्य अधिकारियों की तीन टीम का गठन गुम इंसान पतासाजी हेतु की गई.

जांच के दौरान पूछताछ के बाद संदेह में आए व्यक्तियों की CDR एवं लोकेशन लिये गये. मृतक के लास्ट लोकेशन के आधार पर 2 जनवरी को रात में ही चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार के बाड़ा के सभी रूम को खुलवाकर चेक किया गया. तकनीकी साक्ष्य एवं पूछताछ के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार अलग-अलग जगहों पर खोजबीन की गई.

3 जनवरी को मुकेश चन्द्रकार के सकुशल पतासाजी के हरसंभव प्रयास किए गए. अनहोनी के आशंका को भापते हुऐ सुरेश चन्द्रकार के बाड़ा में बैडमिंटन कोर्ट में नये फ्लोरिंग हुए सेप्टिक टैंक को देखकर हालात से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुऐ दोपहर लगभग 2.30 बजे तहसीलदार एवं एफएसएल टीम की मौजूदगी में नये फ्लोरिंग स्थान को जेसीबी की मदद से तोड़कर पुराने संरचना में से टैंक के ढक्कन को खोला गया.

सेप्टिक टेंक का ढक्कन खोलने पर टेंक से एक पुरुष का शव दिखा जिसके हाथ में बने टेटू से शव का शिनाख्त गुम इंसान पत्रकार मुकेश चन्द्रकार के रूप में हुई. फॉरेंसिक टीम द्वारा शव पंचनाम के दौरान प्रथम दृष्टया से पाया गया मृतक की सिर, पीठ, पेट एवं सीने में कठोर एवं ठोस हथियार से वार कर किया गया था . शव पंचनामा के पश्चात 4 जनवरी को पोस्टमार्टम किया गया. प्रकरण में थाना बीजापुर में बीएनएस की धारा 103, 238, 61, 3(5) के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

इसके पहले 3 जनवरी को संदेही को पकड़ने के लिए गठित एक टीम को रायपुर के लिए भेजा गया. घटना के संदेही रितेश चन्द्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया एवं घटना के अन्य संदेही महेन्द्र रामटेके (सुपरवाईजर) एवं दिनेश चन्द्रकार को बीजापुर से पकड़ा गया. तीनों आरोपियों से पूछताछ के साथ घटना में प्रयुक्त आलाजरब की बरामदगी की कार्रवाई की जा रही है.

पूछताछ और जांच में यह बातें खुलकर आई है कि पत्रकार मुकेश चन्द्रकार और रितेश चन्द्रकार रिश्ते में भाई लगते थे. दोनों में पारिवारिक एवं सामाजिक विषयों को लेकर आपस में बातचीत होते रहती थी. एक जनवरी को रात लगभग 8 बजे मृतक मुकेश चन्द्रकार और आरोपी रितेश चन्द्रकार के बीच मोबाइल पर बातचीत हुई.  इसके बाद मृतक मुकेश चन्द्रकार आरोपी रितेश चन्द्रकार के बीजापुर की चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार के बाड़े में पहुंचा. खाने खाने के दौरान आरोपी रितेश चन्द्रकार और मुकेश चन्द्रकार से पारिवारिक सबंध होने के बावजूद काम में बाधा डालने की बात को लेकर बहस हुई.

इस दौरान आरोपी रितेश चन्द्रकार ने सुनियोजित तरीके से बाड़े में उपस्थित सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश चन्द्रकार के सिर, छाती, पेट एवं पीठ पर लोहे के रॉड से वार किया. दोनो आरोपियों के द्वारा किए गए हमले से मुकेश चन्द्रकार की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई. मृत्यु के पश्चात उसके शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से शरीर को पास के सेप्टीक टेंक में डाल दिया एवं उसे स्लेब के ढक्कन से बंद कर दिया.

इसके बाद आरोपी रितेश चन्द्रकार ने जगदलपुर में अपने बड़े भाई सुरेश चन्द्रकार एवं अन्य परिजनों के साथ मौजूद अपने बड़े भाई दिनेश चन्द्रकार से संपर्क कर घटना के बारे में जानकारी देकर बोदली की ओर रवाना हुआ. इस दौरान दिनेश चन्द्रकार ने तुरंत जगदलपुर से निकलकर बोदली पहुंचा. रितेश चन्द्रकार, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्रकार की मुलाकात बोदली में हुई तथा घटना के सबंधित साक्ष्यों को मिटाने हेतु साजिश रचा गया.

आरोपी रितेश चन्द्रकार,महेन्द्र रामटेके एवं दिनेश चन्द्रकार द्वारा प्रयुक्त हथियार एवं मृतक के मोबाइल को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग जगह गए. उसके बाद रितेश चन्द्रकार द्वारा अपने बड़े भाई दिनेश चन्द्रकार को सेप्टिक टेंक को प्लास्टर करने के लिए बताकर अपने बड़े भाई ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार की गाड़ी से रायपुर के लिए रवाना हो गया. इसके बाद रितेश चन्द्रकार 2 जनवरी की शाम को रायपुर से नई दिल्ली के लिए चला गया.

2 जनवरी की सुबह दिनेश चन्द्रकार ने चट्टान पारा स्थित सुरेश चन्द्रकार के बाड़े में स्थित घटनास्थल में सेप्टिक टेंक (जहां पर मृतक मुकेश चन्द्रकार के शव को हत्या के पश्चात छुपाया गया) की नए सिरे से सीमेंट फ्लोरिंग से की. इस मामले में अब तक तीन आरोपी रितेश चन्द्रकार, दिनेश चन्द्रकार और महेन्द्र रामटेके को पुलिस गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

मामले की अग्रिम विवेचना के लिए एएसपी आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में गठित की 11 सदस्यीय SIT टीम को सौंपा गया है. वहीं प्रकरण के फरार आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार की गिरफ्तारी के लिए चार अलग-अलग पुलिस की टीम उसके संभावित लोकेशन पर घेराबंदी रही है. ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार एवं अन्य आरोपियों के समस्त संपत्तियों एवं बैंक खातों के सबंध में सम्पूर्ण जानकारी पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा खंगाला जा रहा है .

सुरेश चन्द्रकार के तीन बैंक खातों को होल्ड कराया गया है, वहीं अन्य खातों के सबंध में जानकारी जुटाई जा रही है. इसके साथ ही ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार द्वारा अवैध तरीके से निर्माण किए गए बाड़ा को भी ध्वस्त किया गया है. पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर सुंदरराज पी ने बताया गया कि मुकेश चन्द्रकार की हत्या के प्रकरण में शामिल किसी भी आरोपी बख्शा नही जाएगा. जांच के लिए गठित SIT टीम द्वारा साईटिफिक एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विवेचना कर जल्द से जल्द न्यायालय में अभियोजन हेतु चार्ज रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

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