रिश्वतखोरी का VIDEO, नौकरी के अंतिम दिन ये क्या कर डाला! मचा हड़कंप
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक लेखपाल का घूस लेते वीडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि जिस दिन लेखपाल ने घूस की रकम अपने हाथों में ली, वह उसकी नौकरी का अंतिम था. नौकरी के आखिरी दिन लेखपाल ऑफिस के अंदर 3 हजार रुपये रिश्वत लेते कैमरे में कैद हो गया. पैसे देने वाला शख्स कहता रहा कि वह राशन बेचकर पैसे लाया है, बड़ी मुश्किल से जुगाड़ किया है, लेकिन लेखपाल कुटिल मुस्कान के साथ पैसे रख लेता है. मामले में कांग्रेस ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है.
दरअसल, पूरा मामला महराजगंज की फरेंदा तहसील का है, जहां तैनात लेखपाल अपनी नौकरी सेवा के अंतिम दिन घूस ले रहा था. लेखपाल के वीडियो को मुद्दा बनाकर यूपी कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने एक्स पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा-‘ये महराजगंज के एक लेखपाल साहब हैं, देखिये…
कैसे ठाट से रिश्वतखोरी कर रहे हैं. इन्हें कोई फर्क़ नहीं पड़ता कि आदमी इनको दक्षिणा देने के लिए अनाज बेचकर पैसे ला रहा है या खेत बेचकर. इन्हें बस अपनी जेब गर्म करने से मतलब है. हालांकि, इसमें इनके साथ-साथ कुछ उच्चाधिकारियों का भी हिस्सा होगा, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. लेकिन, यूं भ्रष्टाचार को सदाचार मानकर सिस्टम कब तक चलता रहेगा? बाबा का राज-काज रहने तक कभी सुधार होगा या नहीं?’
आपको बता दें कि बृजमनगंज निवासी राजन चौरसिया ने डेढ़ साल पहले हैसियत प्रमाण पत्र बनाने के लिए फरेंदा तहसील में आवेदन किया था. उनकी फाइल हल्का लेखपाल के पास पहुंची तो उसने रिपोर्ट लगाने के लिए पैसे की मांग शुरू कर दी. राजन तहसील के चक्कर लगाते रहे लेकिन उनका हैसियत प्रमाण पत्र नहीं बन पाया.
राजन ने बताया कि मैंने लेखपाल की डिमांड पर थोड़ा-थोड़ा कर कई बार उसे पैसे दिए. लेकिन इस बीच उसने पांच हजार रुपये की और डिमांड कर दी. 15 दिन पूर्व मैं अपने एक साथी के साथ तहसील में पहुंचा था और हल्का लेखपाल को 2900 रुपये थमाए थे. इस दौरान राजन के सहयोगी ने चुपके से वीडियो बना लिया. जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि, आरोपी लेखपाल 30 नवंबर को ही सेवानिवृत्त हो गया है.
ये महराजगंज के एक लेखपाल साहब हैं। देखिये! कैसे ठाट से रिश्वतखोरी कर रहे हैं।
इन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आदमी इनको दक्षिण देने के लिए अनाज बेचकर पैसे ला रहा है या खेत बेचकर। इन्हें बस अपनी जेब गर्म करने से मतलब है।
हालांकि इसमें इनके साथ-साथ कुछ उच्चाधिकारियों का भी… pic.twitter.com/DsoJtwHNw0
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 2, 2024