Netagiri.in—–छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। रायपुर में हुई प्रांतीय स्तर की एक बैठक के बाद ये फैसला किया गया। 16 जनवरी से लेकर 20 तारीख तक प्रदेश के हर सरकारी विभाग में काम करने वाला संविदा कर्मचारी हड़ताल पर चला जाएगा। इसके बाद भी यदि कर्मचारियों की मांग पर शासन स्तर पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया तो बड़े आंदोलन चेतावनी दी गई है
कर्मचारियों ने रविवार को इस प्रदेश स्तरीय हड़ताल को लेकर रायपुर में बैठक की। इस बैठक में कर्मचारियों ने कहा- प्रदेश संविदा कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित नियमितीकरण की मांग पर शासन द्वारा किसी भी प्रकार का कोई सकारात्मक रूख न दिखाने पर संविदा कर्मचारियों के मन में भारी आक्रोश है। इसलिए छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने अब 16 जनवरी से आंदोलन का आगाज़ कर दिया है ।
30 से अनिश्चितकालीन हड़ताल
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि महासंघ के प्रांतीय अधिवेशन में समस्त विभागों के संघों के प्रतिनिधि और जिला तथा विकासखंड स्तर के पदाधिकारी सम्मिलित हुए। सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि 16 जनवरी से 20 जनवरी तक पूरे प्रदेश भर में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। शासन से 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा करने की अपील करेंगे इस बारे में शासन प्रशासन का कोई सकारात्मक रुख ना हो की स्थिति में 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन पूरे प्रदेश भर में शुरू किया जाएगा ।
संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार कुर्रे तथा हेमंत सिन्हा ने बताया कि कर्मचारियों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कई मंत्री और अफसरों के पास हम गए। मुलाकात का समय मांगा तो समय तक नहीं दिया गया। मजबूरन कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। लोगों को होने वाली असुविधा के जिम्मेदार शासन के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग ही हैं। संविदा कर्मचारी शीतकालीन विधान सभा सत्र में भी अपने नियमितीकरण की घोषणा को लेकर काफ़ी आशान्वित थे जिस पर सरकार ने कुछ भी नहीं किया ऐसे में कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 54 विभागों के समस्त संविदा कर्मचारियों द्वारा इस हड़ताल की घोषणा से आम लोगों के सरकारी काम प्रभावित हो सकते हैं।
15 जनवरी को रायपुर में बड़ा आंदोलन
15 जनवरी से अपने गुस्से का ट्रेलर दिखाने की तैयारी कर्मचारी कर चुके हैं। 15 जनवरी को रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन करने की तैयारी है। इसे नाम दिया गया है अनियमित बइठका । छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, कर्मचारी संगठनों ने बड़ी तादाद में अनियमित कर्मचारियों से 15 जनवरी को रायपुर पहुंचने को कहा है। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व सीएम रमन सिंह समेत तमाम पार्टी के नेताओं बुलाया गया है।
सदन में जवाब दे चुके सिंहदेव
पिछले सप्ताह शीत कालीन सत्र में भाजपा के विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा पूछा कि वर्तमान में स्वास्थ विभाग में कितने दैनिक वेतन भोगी अनियमित कर्मचारी हैं। जन घोषणा पत्र में ऐसे कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा थी यदि हां तो कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया। 4 साल का कार्यकाल बीत गया और कुल मिलाकर आपके पास काम करने के लिए 7-8 महीने का समय है। आप यह बता दीजिए कि इन कर्मचारियों को कब तक नियमित कर देंगे या नहीं करेंगे यह क्लियर कर दीजिए।
जवाब में टीएस सिंहदेव ने कहा 17629 कर्मचारियों की – जानकारी है जो दैनिक वेतन भोगी हैं। अनियमित है कलेक्टर दर पर हैं संविदा पर हैं। जहां तक घोषणापत्र का सवाल है, इसमें हमने सभी विभागों में यह जानकारी शासन स्तर पर मंगाई जा रही है कि कितने कर्मचारी किस श्रेणी में किन किन विभागों में काम कर रहे हैं। इनको हम नियमित करना चाहते हैं तो वित्तीय प्रावधान और वित्तीय प्रबंधन होने के बाद शासन इस पर विचार कर रही है उस पर निर्णय होगा।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा ये बिल्कुल संवेदनशील मामला है। इसमें कोई दो बात नहीं है। यह काले- सफेद में जन घोषणा पत्र में अंकित है। शासन ने भी जन घोषणा पत्र को क्रियान्वित करने का निर्णय लेकर मंशा बनाकर एक-एक करके उनको पूरा कर रही है। हम नागरिकों के पास मत मांगने जाएंगे वे अपना मत सुना देंगे, हम काम कर लिए होंगे तो उसकी सराहना करेंगे, काम नहीं कर पाए होंगे तो उसका जवाब मिलेगा।
राजस्थान ने किया नियमित
राजस्थान सरकार ने 21 अक्टूबर को आदेश जारी कर 30 हजार संविदाकर्मियों को नियमित कर दिया। इनमें पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पाराशिक्षक के पद शामिल हैं। तीनों अब शुरुआत में 10,400 रुपए वेतन मिलेगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस ने चुनावी घोषणा-पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। अशोक गहलोत सरकार ने दिवाली के पहले यह सौगात दी है।