संयुक्त कलेक्टर भरोसाराम की अंततः कोरबा से हुई छुट्टी ,रामपुर विधायक ननकीराम कंवर नेट डीएमएफ में कमीशन खोरी को लेकर की थी शिकायत ,अल्टीमेटम के बाद राज्य शासन ने मुंगेली किया तबादला
कोरबा । अपने कार्यशैली को लेकर चर्चित एवं जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा के फंड से स्वीकृत कार्यों के एवज में कमीशनखोरी के आरोपों से घिरे रहे डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर राज्य शासन का भरोसा नहीं जीत सके। प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के प्रदेश के मुखिया को नाराजगी भरे लहजे में लिखे शिकायती पत्र ने आखिरकार अपना असर दिखा ही दिया। सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव क्लेमेंटीना लकड़ा द्वारा सोमवार को राज्य प्रशासनिक सेवा के 8 अधिकारियों के जारी स्थानातंरण आदेश में संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर को कोरबा से हटाकर मुंगेली तबादला कर दिया गया है।
गौरतलब हो कि 4 अक्टूबर को प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता एवं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने
केंद्र एवं राज्य शासन को पत्र लिखने के बाद कोरबा कलेक्टर संजीव झा को भी पत्र लिखकर डीएमएफ में परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए थे।पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर ने कलेक्टर संजीव झा को पत्र लिखकर श्री ठाकुर पर शासी परिषद के उनके प्रस्तावित कार्यों पर कमीशनखोरी की नियत से प्रशासकीय स्वीकृति देने में विलंब करने कार्यकाल में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का गम्भीर आरोप लगाया था। उन्होंने सँयुक्त कलेक्टर सह परियोजना अधिकारी जिला खनिज संस्थान न्यास भरोसा राम ठाकुर को निलंबित करते हुए कार्यकाल में किए गए भ्रष्टाचार के जांच की मांग कर खलबली मचा दी थी । उन्होंने
उल्लेख किया था कि परियोजना अधिकारी जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा का पद अत्यंत महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी का पद है। इस महत्वपूर्ण पद पर संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर लंबे अर्से से पदस्थ हैं। वे अपने पद एवं कर्तव्य के प्रति अत्यंत लापरवाह एवं गैर जिम्मेदार हैं। इनके लापरवाही के कारण कई विधायक ,सांसद,राज्य सभा सदस्य के प्रस्तावित कार्य समय पर व वित्तीय वर्ष के अंतर्गत स्वीकृत नहीं हो पाते हैं। जिसकी वजह से क्षेत्र का विकास नहीं हो पाता है ,जिसके जिम्मेदार भरोसा राम ठाकुर हैं। श्री कंवर ने उल्लेख किया है कि शासी परिषद की बैठक में जो प्रस्ताव पास किए गए थे एवं अनुमोदित हुए थे उसकी प्रस्तावित सूची पुनः उनके द्वारा कलेक्टर कोरबा को लगभग 2 माह पूर्व दिया गया था जिस पर कलेक्टर कोरबा के द्वारा भरोसा राम ठाकुर को तत्काल कार्यवाही कर संबंधित जगहों के कार्यों को स्वीकृति देने हेतु निर्देशित किया था। परंतु श्री भरोसा राम ठाकुर कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना करते हुए उनके द्वारा दिए गए कार्यों को लेटलतीफी करते हुए आज पर्यन्त स्वीकृत नहीं किया। जबकि सभी कार्यों का डीपीआर जनपद पंचायत के द्वारा भरोसा राम ठाकुर के पास दिया जा चुका है। इस संबंध में उनके द्वारा कई मर्तबा श्री ठाकुर को कार्यालय में भेंटकर मौखिक तौर पर बोला जा चुका है। श्री कंवर ने आरोप लगाया था कि शासी परिषद में जो कार्य अनुमोदित होते हैं। उसकी कॉपी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जाती ,यही नहीं उनके प्रस्तावित कार्यों पर कमीशनखोरी की नियत से प्रशासकीय स्वीकृति देने में विलंब किया जा रहा है। रामपुर विधायक श्री कंवर ने पत्र में उल्लेख किया था कि भरोसा राम ठाकुर के द्वारा संबंधित सरपंच व ठेकेदार के आने का इंतजार किया जाता है,इनके द्वारा जनपद पंचायतों को डीपीआर मंगाने हेतु विभागीय पत्र नहीं भेजा जाता उन्हें केवल वाट्सएप के माध्यम से चुनिंदा कार्यों की सूचना दी जाती है। यह तरीका पूर्ण रूप से गलत है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर पर कार्यकाल में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था ।संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर के विरुद्ध मिल रहीं लगातार शिकायतों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए राज्य शासन ने उन्हें कोरबा में 3 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही छुट्टी कर दी। विश्वत सूत्रों की मानें तो श्री ठाकुर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के जांच के भी रडार में हैं। आईएएस ,बिल्डरों ,कोल कारोबरियों के गिरफ्तारी से वैसे ही राज्य सरकार की छवि खराब हुई है। ऐसे में तबादले की इस कार्रवाई को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।