कोरबा: धनरास राख़ड़ घोटाला, मुआवजे में गड़बड़ी

कोरबा: एनटीपीसी द्वारा संचालित धनरास राख़ड़ बाँध के आसपास के गाँवों में राखड़ डस्ट के कारण ग्रामीणों को हो रही परेशानियों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। प्रभावित गाँवों के निवासियों को समय पर मेडिकल सुविधा और मुआवजा नहीं मिलने से उनके अधिकारों की आवाज उठाई जा रही है। हालांकि, कई शिकायतों के बावजूद जांच और कार्यवाही में कोई प्रगति नहीं हो रही है।
युवा कांग्रेस नेता लक्ष्मीकांत कंवर ने हाल ही में कलेक्टर अजीत वसंत से शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत धनरास में रहने वाले धनरास, सालिहाभाठा, घमोटा और पुरेनाखार के ग्रामीणों को एनटीपीसी द्वारा प्रतिमाह राखड़ डस्ट के कारण राहत मुआवजा राशि दी जाती है। हर महीने 3000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है, जिसमें प्रतिदिन 300 रुपये दिए जाते हैं।
ग्राम पंचायत में मुआवजा वितरण में गड़बड़ी
कनवर ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत धनरास द्वारा दी गई 645 परिवारों की सूची में गंभीर गड़बड़ियाँ पाई गई हैं। इस सूची में कुछ नाम और बैंक अकाउंट नंबर दो बार या तीन बार दिखाई दे रहे हैं, और कुछ नए लड़कों का नाम जोड़े गए हैं, जो न तो राशन कार्डधारी हैं और न ही उनका नाम परिवार में है।
राशन कार्डधारी परिवारों के साथ घोटाला!
अधिकारी और सरपंच ने एनटीपीसी को गलत सूची भेजी है, जिसमें कुछ परिवारों को डबल मुआवजा मिलने की संभावना है। युवा कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि नई शादीशुदा जोड़े को मुआवजा देने से मना किया जाता है, जबकि उनका नाम राशन कार्ड में है।
लक्ष्मीकांत कंवर ने आरोप लगाया है कि पंचायत में फर्जी बैंक अकाउंट के जरिए घोटाला किया जा रहा है। इस प्रकार, एनटीपीसी द्वारा दी जा रही मुआवजा राशि में घोटाला हो रहा है, और इसकी निंदा की है।