
कोरबा। शासन द्वारा गरीबों को रियायत दर पर खाद्यान्न वितरण के लिए पीडीएस योजना की शुरूआत की गई है। प्रदेश की यह योजना अन्य राज्यों के लिए नाजीर बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर जिले का एक ग्राम पंचायत ऐसा है जहां गरीबों के राशन पर सरपंच और पूर्व सचिव ने डाका डालने का काम किया है। तीन माह से कार्डधारी गरीबों को खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। ग्राम पंचायत फूलसरी के शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक और विक्रेता के द्वारा नियमित दुकान खोलकर राशन का वितरण नहीं किया जा रहा है। दुकान का संचालन ग्राम पंचायत फूलसरी के द्वारा किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ही उन्हें खाद्यान्न का वितरण करता है, लेकिन पिछले तीन माह से खाद्यान्न नहीं दिया है। गांव की मनासो बाई पति जनकराम, सोनाई बाई, रतन कुमारी, रमिला बाई, रमी बाई, धरमी बाई व सुशीला ने बताया कि उन्हें तीन माह से चावल, चना, शक्कर और नमक का वितरण नहीं किया गया है। उनका कहना है कि सरपंच द्वारा उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण उनके सामने परेशानी खड़ी हो गई है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत फूलसरी में लगभग 500 राशन कार्डधारी हैं, जिनमें से 75 फीसदी कार्डधारियों को राशन नहीं मिला है।
खाद्य विभाग के अफसरों की लापरवाही
पिछले तीन माह से ग्रामीणों को खाद्यान्न नहीं मिला है और खाद्य विभाग के अफसरों को कोई सरोकार नहीं है। इसमें जिला खाद्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है। ग्राम पंचायत को सोसायटी का आबंटन किया गया है, लेकिन सरपंच ओमप्रकाश कंवर एवं पूर्व सचिव सूरज बरेठ विभाग के अफसरों से मिलीभगत कर गरीबों का राशन डकार रहे हैं।
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15 दिन पहले पदस्थ हुए सचिव
सूत्रों की मानें तो 15 दिन पूर्व ही ग्राम पंचायत में सचिव परमेश्वर सोनी की पदस्थापना हुई है। पूर्व सचिव की मिलीभगत से ग्रामीण राशन से वंचित हैं। उन्हें उम्मीद है कि नए सचिव के पदस्थापना के साथ ही उनकी समस्या दूर हो जाएगी। बताया जाता है कि मामले की शिकायत पर कुछ अधिकारी गांव भी पहुंचे थे, ग्रामीणों का कथन भी लिया गया है। माना जा रहा है कि लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की गाज गिर सकती है।